पूर्ण रूप से संस्कृत अभ्यास साथ में शब्दकोष

पूर्ण रूप से संस्कृत अभ्यास साथ में शब्दकोष


सर्वे भवन्तु सुखिनः

सर्वे सन्तु निरामयाः ।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु

मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत् ।।


(सभी सुखी रहें सभी निरोग रहें, सभी भद्र देखें किसी पर भी दुःख न आये।)


पूर्ण रूप से संस्कृत अभ्यास साथ में शब्दकोष

१.’संस्कृत’ शब्द का अर्थ है-शुद्ध, परिमार्जित, परिष्कृत। अतः संस्कृत भाषा का अर्थ है-शुद्ध एवं परिमार्जित भाषा।

२. संस्कृत में ३ वचन होते हैं-एकवचन (एक०), द्विवचन (द्वि०), बहुवचन (बहु०)।

तीन पुरुष होते हैं-प्रथम या अन्य पुरुष (प्र० पु० या प्र०), मध्यमपुरुष (म० पु० या म०)

उत्तमपुरुष (उ० पु० या० उ०) ।

३.संस्कृत में धातु के १० लकार (वृत्तियाँ) होते हैं।

इनके नाम तथा अर्थ ये हैं-


(१) लट् (वर्तमानकाल)

, (२) लोट् (आज्ञा अर्थ)

, (३) लृट् भविष्यत् काल),

(४) लङ् (अनद्यतन भूत),

(५) विधिलिङ् (आज्ञा या चाहिए अर्थ)

( ६) लिट् (अनद्यतन परोक्ष भूत),

(७) लुट् (अनद्यतन भविष्यत्),

(८) आशीर्लिङ्म (आशीर्वाद),

(९) लुङ् (सामान्य भूत)

(१०) लृङ् (हेतुहेतुमद् भूत या भविष्यत् ) ।

४.धातुएँ ३ प्रकार की हैं, अतः धातुओं के तीन प्रकार से रूप चलते हैं:-परस्पमैपदी ,आत्मनेपदी , उभयपदी

अभ्यास को पूर्ण रूप से स्मरण करने के लिए सब से पहले आपको पूर्ण रूप से धातु , शब्द को अच्छे से स्मरण करना होगा तभी आप संस्कृत सीख पाओगे।

(१) राम (राम) अकारान्त पु० शब्द

रामः. रामौ रामाः

रामम्. ” रामान्

रामेण रामाभ्याम् रामैः

रामाय ” रामेभ्यः

रामात् ” “

रामस्य रामयोः रामाणाम्

रामे ” रामेषु

हे राम! हे रामौ! हे रामा: !

इसी तरह धातु रूप भी स्मरण करे ।

अभ्यास १

नियम १ . कर्ता के अनुसार क्रिया का वचन और पुरुष होता है । जैसे-स: पठति। कर्ता प्रथमपुरुष एकवचन है तो क्रिया भी प्रथमपुरुष एकवचन होगी।

नियम २.भवत्’ ( आप ) शब्द के साथ सदा प्रथमपुरुष आता है।

नियम ३.तीनों लिंगों में धातु का रूप वही रहता है।

नियम ४.कर्ता में प्रथमा होती है और कर्म में द्वितीया होती है ।

नियम ५.अपदं न प्रयुञ्जीत ) बिना प्रत्यय लगाये शब्द या धातु का प्रयोग न करें।राम: पठति, प्रयोग होगा। राम पठ्, नहीं।

नियम ६.एक अर्थ वाले (पर्यायवाची) शब्दों में से एक शब्द का ही प्रयोग करें।

(शब्दकोष)

(क) सः (वह), तौ (वे दोनों.), ते ( वे सब ), भवान् (आप, पुंलिंग), भवती ( आप, स्त्रीलिंग), (सर्वनाम शब्द)। रामः (राम ), ईश्वरः (ईश्वर या स्वामी), बालकः (बालक), मनुष्यः (मनुष्य), नरः ( मनुष्य) , ग्राम: (गाँव) , नृप: (राजा), विद्यालयः (विद्यालय)। (१३)।(ख) भू (होना), पठ् (पढ़ना), लिख् (लिखना), हस् ( हँसना ), गम् (जाना), आगम् (आना)। (६) । (ग) अत्र ( यहाँ), इह ( यहाँ), यत्र ( जहाँ.), तत्र ( वहाँ ), कुत्र (कहाँ), क्व (कहाँ)।

उदाहरण-वाक्य :-

१. वह पढ़ता है
-स: पठति।
२. वे दो पढ़ते हैं (पढ़ रहे हैं) – तो पठत:।
३. वे सब पढ़ते हैं-ते पठन्ति।
४. आप यहाँ आते हैं- भवान् अत्र आगच्छति ।
५. आप दोनों हँसते हैं-भवन्तौ हसतः ।
. आप सब जाते हैं-भवन्त: गच्छन्ति ।
७. आप लिखती हैं-भवती लिखति।
८. वहाँ क्या हो रहा है? तत्र किं भवति?

अब आप खुद स्मरण करो ओर इन वाक्यों की संस्कृत बनाओ

संस्कृत बनाओ :-

(क) १. वह लिखता है।

२: वह गाँव को जाता है।

३. वह आता है।

४. बालक पढ़ता है।

५. राम लिखता है।

६. मनुष्य हँसता है।

७. राजा यहाँ आता है।

८. राम विद्यालय जाता है।

९. आप वहाँ जाते हैं।

१०. वह मनुष्य कहाँ जाता है ?
 

सम्बंधित टॉपिक्स

सदस्य ऑनलाइन

अभी कोई सदस्य ऑनलाइन नहीं हैं।

हाल के टॉपिक्स

फोरम के आँकड़े

टॉपिक्स
1,845
पोस्ट्स
1,886
सदस्य
242
नवीनतम सदस्य
Ashish jadhav
Back
Top