Hello Friends! आज हम इस Post में fragmentation (फ्रेगमेंटेशन क्या है?) के बारें में पढेंगे और इनके types के बारे में भी जानेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं:-
दूसरे शब्दों में कहें तो, “fragmentation hard disk की एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक फाइल के भाग noncontiguous memory में store रहते है।”
आसान शब्दों में कहें तो.. “Memory का loss (हानि) ही fragmentation होता है।”
User System में files को create, delete तथा modify करते रहते है तो operating system इन files को hard disk में store करता है तो कभी कभी एक file के कुछ भागों को अलग अलग स्थान पर store कर देता है।
मानो यदि आपने MS word के document को disk में एक जगह पर save किया आपको तो वह एक जगह पर दिख रहा है पर हो सकता है उस document के part अलग अलग जगह पर स्टोर हो। जिसके कारण अगर हम उस document को open करते है तो operating system सभी जगह से document के भागों को एकत्रित करता है फिर वह open होता है। जिससे document को खुलने में समय अधिक लग जाता है। और हमारा system slow कार्य करता है।
External fragmentation को compaction के द्वारा दूर किया जा सकता है। Compaction एक ऐसी Algorithm है जिसके द्वारा सभी memory space (hole) को एक साथ एक जगह पर लाया जाता है। और space का एक बड़ा block बना दिया जाता है।
Internal Fragmentation Allocated block के Allowed आकारों पर प्रतिबंध के कारण आवंटित memory blocks के अंदर बर्बाद होने वाला स्थान है।
इस fragmentation को कम करने के लिए हमें process को उसके size के हिसाब से memory block assign करने चाहिए ना कि बड़े।
What is Fragmentation – फ्रेगमेंटेशन क्या है?
Fragmentation, hard disk की एक ऐसी स्थिती होती है जिसमें एक single file के बहुत सारें भाग disk में अलग अलग जगह पर store रहते है। जिसके कारण मैमोरी का नुकसान होता है तथा operating system की कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है।दूसरे शब्दों में कहें तो, “fragmentation hard disk की एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक फाइल के भाग noncontiguous memory में store रहते है।”
आसान शब्दों में कहें तो.. “Memory का loss (हानि) ही fragmentation होता है।”
User System में files को create, delete तथा modify करते रहते है तो operating system इन files को hard disk में store करता है तो कभी कभी एक file के कुछ भागों को अलग अलग स्थान पर store कर देता है।
मानो यदि आपने MS word के document को disk में एक जगह पर save किया आपको तो वह एक जगह पर दिख रहा है पर हो सकता है उस document के part अलग अलग जगह पर स्टोर हो। जिसके कारण अगर हम उस document को open करते है तो operating system सभी जगह से document के भागों को एकत्रित करता है फिर वह open होता है। जिससे document को खुलने में समय अधिक लग जाता है। और हमारा system slow कार्य करता है।
Types of fragmentation
Fragmentation दो प्रकार का होता है।- External Fragmentation
- Internal Fragmentation
1. External fragmentation
External fragmentation तब होता है जब हमारे पास disk में पर्याप्त memory space होता है परन्तु हम उसे effectively ढंग से उपयोग नहीं किया जा सकता है। क्योंकि जो मैमोरी स्पेस है वह contiguous नहीं है।इसमें अगर हमारे पास बहुत सारें memory space (hole) है तो वह memory बर्बाद चली जाती है।External fragmentation को compaction के द्वारा दूर किया जा सकता है। Compaction एक ऐसी Algorithm है जिसके द्वारा सभी memory space (hole) को एक साथ एक जगह पर लाया जाता है। और space का एक बड़ा block बना दिया जाता है।
2. Internal fragmentation
Internal fragmentation तब होता है जब memory को fixed size blocks में विभाजित कर दिया जाता है। अर्थात् किसी process को एक बड़ा memory block दे दिया जाता है जिससे उसमें बची बाकी memory बर्बाद चली जाती है।Internal Fragmentation Allocated block के Allowed आकारों पर प्रतिबंध के कारण आवंटित memory blocks के अंदर बर्बाद होने वाला स्थान है।
इस fragmentation को कम करने के लिए हमें process को उसके size के हिसाब से memory block assign करने चाहिए ना कि बड़े।