DOORIYAN SHAYARI IN HINDI

दोस्तों, आपके लिए Best dooriyan shayari का बहुत ही प्यारा शायरी का collection जो आपको बहुत पसंद आने वाला है, दूर रहकर जो feelings हमारे अंदर होती हैंं उन Doorie wali feelings को शायरी के अंदाज़ में हम लाए हैं आपके लिए।

(1)

मेरी सांसों में बस गई हो तुम

दिल की धड़कन बन गई हो तुम,

अब मैं खुद से कैसे तुम्हें निकालूँ

मेरी ज़िन्दगी बन गई हो तुम,

ये दूरियों में इतनी ताकत कहाँ,

जो तुम्हें मुझसे जुदा करदे,

दिल और धड़कन जैसा रिश्ता है हमारा

इस कदर मेरे रग रग में बस गई हो तुम..।

(2)

दूरियों का दर्द देखो मुझसे नहीं सहा जाता

तू लौट कर घर वापस चला क्यूँ नहीं आता,

शिकायत तो पता है मुझे तुझे बहुत सी हैं

लेकिन तेरे बिन मुझसे अब रहा नहीं जाता,

पता है मुझे तू मुझ से बहुत प्यार करता है

याद तो तू भी दिन रात करता है,

क्या छोटी सी नाराज़गी की वजह से

इतने दिनों तक कोई किसी से बात नहीं करता है..

जल्दी आओगे तुम लौटकर

तुम्हारा मैं इंतज़ार करूँगी,

वादा है मेरी जान तुमसे

पहले से भी ज्यादा प्यार करूँगी…

(3)

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हर वक्त तुम्हारी याद आती है

दूरियां मुझे बहुत सताती हैं,

हो गया है साल बिछड़े हुए हमें

तुम लौटकर चली क्यूँ नहीं आती हो,

सुबह की चाय जाते वक्त कहना तेरा बाय

मुझे हर बात पर तेरी बहुत याद आती है,

बहुत तन्हा हो गया हूँ मैं अब तुम्हारे बिना

मुझे रातों को नींद भी अब नहीं आती है…

सुनो ना मेरी जान तुम लौटकर चली क्यों नहीं आती हो

फिर से ज़िंदगी मेरी क्यों नहीं बन जाती हो,

मैं तुमसे प्यार करता हूँ और करता रहूँगा

मेरी जान तुम लौटकर चली क्यों नहीं आती हो…

(4)

क्या हमें अब यूँ ही दूर रहना होगा

गम प्यार वाला यूँ ही सहना होगा,

ज़िंदगी को जी कर इंतज़ार में तुम्हारे

बताओ क्या हमें रोज़ मरना होगा..

वक्त का क्या है ये तो गुज़र जाएगा

ज़िंदगी को इंतज़ार में तुम्हारे बर्बाद करना होगा,

नाराज़ हो तुम मुझसे पता है मुझे

बताओ तुम्हारी नाराज़गी को कैसे दूर करना होगा…

(5)

जब भी आओगी तन्हा पाओगी मुझे

मैं तुम्हारे इंतज़ार में बैठा हूँ,

क्या इतनी जल्दी भुला दिया तुमने मुझे

मैं अब भी दिल पर तुम्हारे कब्जा किए बैठा हूँ,

मझे पता है दूर तुम मुझसे रह नहीं सकती

मैं इंतज़ार मेंं तुम्हारे कमरा अपना सजाए बैठा हूँ..

(6)

इन दूरियों का क्या करें

इन मजबूरियों का क्या करें,

दर्द तो बहुत है इसको कैसे सहें

समझ नहीं आता बिन तुम्हारे कैसे रहें

वक्त लगेगा मिलने में अभी

सोच रहे हैं तुम से कैसे कहें..

(7)

हाल-ए-दिल बहुत खराब है

मिलने को दिल तुमसे बेकरार है,

दूरियों ने बहुत मजबूर कर दिया हमें

दिल को मेरे तुमसे मिलने का इंतज़ार है.

हम मिल जाएंजल्दी तुम दुआ करना

दम ना निकल जाए मेरा तुम्हारे इंतज़ार में..

दूरियां तो अभी भी बरकरार हैंं

दिल के मेरे तू अभी भी आसपास है,

बिछड़ने का मुझको आज भी गम है

गुस्सा तुम्हारा कुछ कम हुआ मेरे यार है,

क्या रखा है दूरियों में , क्या मैं तुम्हें मना लूं

ज़िंदगी गुज़ारुं साथ तुम्हारे, अपना तुम्हें बनालूँ..।

(9)

आ जाओ ना पास तुम,हम इंतज़ार किए बैठे हैं,

हो गया बहुत वक्त दूर हुए हमें,कबसे हम सब्र किए बैठे हैं..।

अब दिल भी तुम्हारे बिन लगता नहीं कहीं है,

गलती मुझसे शायद इतनी बड़ी तो नहीं हुई है..।

दूरियों का दर्द मुझसे सहा नहीं जाता है

कोई प्यार करनेवाला इस तरह नहीं तड़पाता है..

रूठते हैं सब एक दूसरे से मेरी जान

दूरियां कोई भी दिल ज्यादा दिन सह नहीं पाता..।

(10)

हमें इतना भी कमजोर ना समझना

तुम से दूर नहींं रह पाएंगे,

तुम नहीं करोगे हमसे प्यार तो

क्या हम तन्हा जी नहीं पाएंगे,

हमने गुज़ारी तुमसे पहले भी है

बहुत तन्हाई में ज़िंदगी,

गलतफहमी में हो शायद तुम

कि तुम्हारे बिना हम जी नहीं पाएंगे..।

(11)

जब से तुम्हें मुझ पर शक हो गया

तब से तू मुझसे दूर हो गया,

तुमने तो मुझपर थोड़ा ऐतबार भी नहीं किया

शायद तुमने मुझसे कभी प्यार ही नहीं किया,

ऐसे वक्त पर तू मुझे छोड़ गया

दिल को मेरे शीशे सा तोड़ गया..।

(12)

दूरी मुझसे अब सही नहीं जाती

ज़िन्दगी अब तन्हा काटी नहीं जाती,

अकेला हूँ शायद भरी दुनिया में

ज़िंदगी तेरे बिना मुझको रास नहीं आती,

दूर रहकर भी क्या मिलेगा तुझे

तू लौटकर वापस घर चली क्यों नहीं आती..।

(13)

दूर रहता है कोई तो कोई मेरे पास रहता है

बिन तेरे जानेमन दिल तो उदास रहता है,

अब रहते हैं हमेशा आँसू आँखों में

मुस्कान चेहरे पर दिल परेशान रहता है,

हमने बना लिया है बड़े शहर में मकान

तेरे बिना ये घर सुनसान रहता है..।😢

(14)

गांव की अक्सर मुझको याद आती है

सात समंदर पार की दूरी सही नहीं जाती है,

भोली भाली सी सूरत तुम्हारी

मुझको बहुत याद आती है,

दुआ है सब खैरियत से होगा

फिक्र तुम्हारी मेरी जान लिए जाती है..।

(15)

दूर हो गए हम कब साथ रहते रहते

मगरूर हो गए पास रहते रहते,

अब एक दूसरे की हमको फिक्र कहाँ

मशरू़फ हो गए खुद में साथ रहते रहते..

खुद की फिक्र में हम खो गए कुछ ऐसे

पास रहकर भी दूर हो गए कुछ ऐसे..

(16)

दूरियों का अभी शायद तुम्हें अंदाजा नहीं हुआ

मुझे बता तू इतना मशरूफ़ कहाँ हुआ,

पहले तो मेरी याद तुझे तड़पाती थी

तुम बदल गए हो या प्यार नहीं रहा,

थोड़ा वक्त लगता है मौसम को बदलने में भी

बेवफा तू तो वक्त से भी पहले बदल गया..।

(17)

मिलते हैं बिछड़ने वाले, थोड़ा वक्त लगता है

सब्र से काम लेनेवाला थोड़ी ना थकता है,

ज़िन्दगी में दौर अच्छे बुरे आते रहते हैं

वक्त कहाँ कभी एक सा चलता रहता है,

कभी दूरियां हैं तो कभी नज़दीकियां हैं

सफ़र ज़िन्दगी का यूँही चलता रहता है।

(18)

दूर होना तो बस एक बहाना था

प्यार है तुम को हमसे ये आजमाना था,

बड़ी ख़ामोशी से तुम ने खुद को हमसे अलग किया

क्या है दिल में तुम्हारे मुझे पता लगाना था,

प्यार मोहब्बत तो सब झूठी बातें थीं

तुम्हें तो कुछ वक़्त अपना बिताना था..।

(19)

दूरियां क्यों इतनी तेरे मेरे बीच हो गयी

क्या तुम किसी और के नजदीक हो गयी,

खता मुझसे ऐसी कौन सी हो गयी

बताओ क्या तुम मुझसे बेवफा हो गयी..।

(20)

बहुत दूर हो गए है हम अब तुम से

क्या अब फिर कभी मुलाक़ात होगी,

बिन मौसम के कभी बरसात होगी

बिना मतलब के कभी तुम से मुलाकात होगी,

कुछ हम भी बदल गए है तुम्हारी तरह

साथ बैठोगी तो तुमसे लंबी बात होगी..।

(21)

दूर जाकर मुझसे क्या हाल है तुम्हारा

क्या आओगे तुम लौटकर यहाँ दोबारा,

हम हमेशा तुम्हारा इन्तिज़ार करेंगे

सारी ज़िन्दगी तुम से प्यार करेंगे.।

(22)

दूरियां नजदीकियों का एहसास कराती है

साथ बिताए वक़्त की याद बहुत सताती है,

मिलती है फुरसत जब भी दुनिया के काम से

सोचकर तुम्हारे बारे में आँखे मेरी नम हो जाती है.।

(23)

हाल से मेरे अब किस को परवाह

दूर होकर वो हुआ लापरवाह,

याद उसको शायद मेरी नहीं आती

ना आता उसका फोन,न कोई खबर आती.।

(24)

दूर होकर तुम से मेरा बुरा हाल है

हर घड़ी सताता मुझे तुम्हारा ख्याल है,

अभी तू मुझ से बहुत ज्यादा दूर है

लेकिन दिल के मेरे बहुत करीब है.।

(25)

चला जायेगा वक़्त ये भी

जैसे तुम चले गए हो,

दूरियों का दर्द सह नहीं पाओगे

देखना लौटकर वापस चले आओगे.।

(26)

हर हाल में खुश रहना सीख लिया है

वास्ता कम लोगों से रखना सीख लिया है,

पास रहकर जो करीब ना हो पाये

दूरी बनाना भी ऐसे लोगों से सीख लिया है.।

(27)

जहाँ भी जाओगे, अपने दिल में पाओगे

दूर रहकर भी तुम,मुझे अपने पास पाओगे.।

(28)

एक शख्स मिला, मुझे नए शहर में

छोड़कर जो कभी मुझे, दूर चला गया था.।

(29)

बहुत मिले लोग दुनिया में

लेकिन अच्छे कम मिले,

मिले अच्छे भी इस दुनिया में

लेकिन उनसे दूरियों के गम मिले.।

(30)

सफ़र में है वो, जल्दी लौटकर आएगा

जो हुआ है सफ़र में, मुझे सब बताएगा,

लोग कहते है वो मुझसे बेवफा हो गया है

दिल उसका मेरे पास है,वो किसी और से दिल कैसे लगाएगा।

(31)

दूर कितने भी रहो तुम

मेरी याद तेरे साथ रहेगी,

तुम तो चली जाओगी दूर

बिन तुम्हारे आँखे मेरी उदास रहेंगी।

(32)

कोई दूर रहता है,कोई पास रहता है

हर किसी को,किसी का ख्याल रहता है,

वक़्त के साथ सब कुछ बदलता है

दुनिया है जनाब हमेशा कहाँ कोई साथ रहता है।
 

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