दर्द से इस तरह दिल का साथ है
सुन बेवफा तन्हा मेरी हर रात है..
मैंने तो सजा लिया आंसुओं से बिस्तर
बता मुझे तू किसके साथ है…
बेवफा तो हो तुम लेकिन
बेहया भी हो बड़ी..
सिवा अपनी खुशियों के
तुम्हें किसकी है पड़ी…
तोड़ के दिल मेरा जहाँ भी जाओगी
कसम से खुश नहीं रह पाओगी,
मेरा दर्द ए दिल हर रात मेरे साथ है
बेवफा है तू यही दिल के अल्फाज़ हैं…
कहा उसने मेरे बारे में
कि बहुत गजब लिख रहा है,
दोस्तों बता दो जाके उसको
दिया हुआ तुम्हारा दर्द लिख रहा है..।
बेखबर था मैं तुमसे
अब खबरदार हूँ,
दी हुई तेरी बेवफाई का
मैं अब तो कर्ज़दार हूँ..।
हम अपने सीने का दर्द लिखते हैं
आशिकों के दिल का मर्ज़ लिखते हैं,
वाकिफ़ हैं हम इश्क की गलियों से
इसलिए हम इश्क पर खूब लिखते हैं..।
दर्द से हमारा दिल लबालब हो गया
अब आँखों से बारिश का आना बाकी है,
मोहब्बत की ठन्डी हवा ही थी
अभी तो दर्द का तूफान बाकी है…।
दिल मोहब्बत के अरमान में था
और वो दर्द देकर चली गई,
हम इंतज़ार में थे वो लौट आएंगी
लेकिन वो धोखा देकर चली गई..।
जिसकी हर बात पर ऐतबार होता था
उसकी हर बात झूठी लगती है,
शायद मेरा दिल बदल गया है
या दुनिया बदली बदली लगती है..।
मोहब्बत के इम्तिहान में हूँ
ना जाने क्यूँ बहुत परेशान सा हूँ,
दिल की सुनूंं तो दुनिया नाराज़ होती
आज बड़े मुश्किल इम्तिहान में हूँ..।
दर्द सीने में है दफन
लेकिन ज़ुबां अब हम ना खोलेंगे,
तुम्हारी बेवफाई का राज़ अब हम
डरना नहीं दुनिया में नहीं खोलेंगे..।
चलो तुम ही खुश रहना,
बात ये किसी से न कहना
की बेवफा हो गयी हो तुम,
इस बात को राज़ ही रहने देना.।
तुम ऐसे ही थे पहले भी क्या,
की अब मैंने तुम्हें जाना है..।
दूरियाँ मिलीं मुझको
हमेशा ही दर्द मिला है,
बिछड़ा तबसे वो मुझको
फिर कहाँ मिला है..।
बड़ी आसानी से वो
मुझे छोड़ कर गया,
वादे कसमें वफ़ा के
सब तोड़कर गया..।
उस दौर से भी गुज़रे हैं हम,
खोकर उसे तन्हा हुए हम.।
कहना तो बहुत कुछ था तुमसे
पर दिल खामोश है,
अजीब सी मुश्किल है
तेरे बिन कुछ संभलता ही नहीं है..।
बातें बहुत बनाते थे
हमेशा सब के सब,
दोस्त हैं सब सच्चे
बताते थे सब के सब..।
ज़िन्दगी से मुझे बहुत ग़म मिले,
कोई भी सच्चा हमदम नहीं मिला..।
कोई ऐसी फ़िज़ा चला दे मेरे रब,
मेरे यार को मुझसे मिला दे अब..।
क्या सोचती हो आसां है भुलाना मुझको,
हर बात में बात बनकर याद आऊंगा मैं..।
कैसा था तेरा प्यार
मुझे ना समझ आया,
कैसे मैंने दिल लगाया
कैसे तुमने मुझे रुलाया..।
दिल को डुबो लिया दर्द ए इश्क में
करार नहीं दिल को जब से इश्क में,
मैंने खूब मज़ा किया इश्क में
मिला मुझे जबसे धोखा इश्क में..।
सुन बेवफा तन्हा मेरी हर रात है..
मैंने तो सजा लिया आंसुओं से बिस्तर
बता मुझे तू किसके साथ है…
बेवफा तो हो तुम लेकिन
बेहया भी हो बड़ी..
सिवा अपनी खुशियों के
तुम्हें किसकी है पड़ी…
तोड़ के दिल मेरा जहाँ भी जाओगी
कसम से खुश नहीं रह पाओगी,
मेरा दर्द ए दिल हर रात मेरे साथ है
बेवफा है तू यही दिल के अल्फाज़ हैं…
कहा उसने मेरे बारे में
कि बहुत गजब लिख रहा है,
दोस्तों बता दो जाके उसको
दिया हुआ तुम्हारा दर्द लिख रहा है..।
बेखबर था मैं तुमसे
अब खबरदार हूँ,
दी हुई तेरी बेवफाई का
मैं अब तो कर्ज़दार हूँ..।
हम अपने सीने का दर्द लिखते हैं
आशिकों के दिल का मर्ज़ लिखते हैं,
वाकिफ़ हैं हम इश्क की गलियों से
इसलिए हम इश्क पर खूब लिखते हैं..।
दर्द से हमारा दिल लबालब हो गया
अब आँखों से बारिश का आना बाकी है,
मोहब्बत की ठन्डी हवा ही थी
अभी तो दर्द का तूफान बाकी है…।
दिल मोहब्बत के अरमान में था
और वो दर्द देकर चली गई,
हम इंतज़ार में थे वो लौट आएंगी
लेकिन वो धोखा देकर चली गई..।
जिसकी हर बात पर ऐतबार होता था
उसकी हर बात झूठी लगती है,
शायद मेरा दिल बदल गया है
या दुनिया बदली बदली लगती है..।
मोहब्बत के इम्तिहान में हूँ
ना जाने क्यूँ बहुत परेशान सा हूँ,
दिल की सुनूंं तो दुनिया नाराज़ होती
आज बड़े मुश्किल इम्तिहान में हूँ..।
दर्द सीने में है दफन
लेकिन ज़ुबां अब हम ना खोलेंगे,
तुम्हारी बेवफाई का राज़ अब हम
डरना नहीं दुनिया में नहीं खोलेंगे..।
चलो तुम ही खुश रहना,
बात ये किसी से न कहना
की बेवफा हो गयी हो तुम,
इस बात को राज़ ही रहने देना.।
तुम ऐसे ही थे पहले भी क्या,
की अब मैंने तुम्हें जाना है..।
दूरियाँ मिलीं मुझको
हमेशा ही दर्द मिला है,
बिछड़ा तबसे वो मुझको
फिर कहाँ मिला है..।
बड़ी आसानी से वो
मुझे छोड़ कर गया,
वादे कसमें वफ़ा के
सब तोड़कर गया..।
उस दौर से भी गुज़रे हैं हम,
खोकर उसे तन्हा हुए हम.।
कहना तो बहुत कुछ था तुमसे
पर दिल खामोश है,
अजीब सी मुश्किल है
तेरे बिन कुछ संभलता ही नहीं है..।
बातें बहुत बनाते थे
हमेशा सब के सब,
दोस्त हैं सब सच्चे
बताते थे सब के सब..।
ज़िन्दगी से मुझे बहुत ग़म मिले,
कोई भी सच्चा हमदम नहीं मिला..।
कोई ऐसी फ़िज़ा चला दे मेरे रब,
मेरे यार को मुझसे मिला दे अब..।
क्या सोचती हो आसां है भुलाना मुझको,
हर बात में बात बनकर याद आऊंगा मैं..।
कैसा था तेरा प्यार
मुझे ना समझ आया,
कैसे मैंने दिल लगाया
कैसे तुमने मुझे रुलाया..।
दिल को डुबो लिया दर्द ए इश्क में
करार नहीं दिल को जब से इश्क में,
मैंने खूब मज़ा किया इश्क में
मिला मुझे जबसे धोखा इश्क में..।