आज हम ATM के जुड़े कुछ सवालों के बारें में बात करेंगे। एटीएम का फुल फॉर्म क्या है, एटीएम कैसे काम करता है, एटीएम होता क्या है।
मतलब स्वचालित टेलर मशीन है। यह एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल मशीन है जिसका उपयोग बैंक खातों से पैसे निकलने या लेनदेन करने के लिए किया जाता है।
जैसे, पैसों को निकलना, उन्हें जमा करना, Fund transfer आदि।
यह बैंकिंग की प्रक्रिया की काफी हद तक आसान करता है। इन मशीनों का इस्तेमाल निजी बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए किया जाता है।
एटीएम ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को काफी सरल और सुविधाजनक बना दिया है।
एटीएम से हमारे समय की काफी बचत हो जाती है, वरना पहले तो बैंक जा कर ही पैसों को निकलना पढता था, क्युकि उसमें कागज़ी कार्यवाही के बिना आप पैसा नहीं निकाल सकते थे।
जिससे समय की काफी बर्बादी होती थी। देश के लगभग सभी बैंकों (जिनमें राष्ट्रीयकृत बैंक व अन्य क्षेत्रों के बैंक शामिल है) के पास एटीएम की सुविधा है। 70%-80% जनता आज कल पैसे निकलने के लिए एटीएम का प्रयोग करती है।
देश को कुछ क्षेत्र जैसे गाँव जहां एटीएम की सुविधा अभी तक नहीं है, पर सरकार की पूरी कोशिश ही की आने वाले समय में एटीएम की सुविधा हर जगह उपलब्ध कराई जाये।
एटीएम से बैंकिंग की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है क्योंकि ये मशीनें स्वचालित होती हैं और लेन देन के लिए बैंक अधिकारी की जरूरत नहीं होती।
कुछ एटीएम machines में कार्ड को swipe करने का भी option होता है। एटीएम कार्ड को मशीन में डालने या swipe करने के बाद आपको अपना 4 अंकों का pin डालना होता है।
और जितनी राशी या पैसे आपको निकलने है वो एटीएम मशीन में टाइप करना होगा।
उसके कुछ की seconds के बाद पैसे आपको मिल जायेंगे।
इसके साथ ही आपको एक रसीद भी मिलती है जिसमें आपके अकाउंट की updated details होती है।
पहली, जिसमें आप basic functions के माध्यम से आप नकदी निकाल सकते और अपने account का updated balance को चेक कर सकते है।
और दूसरा advanced functions के माध्यम से जहाँ आप पैसे निकलने के साथ साथ पैसे जमा भी कर सकते है।
इसमें कई तरह की input और output devices होती है जिससे लोग बिना किसी परेशानी से पैसे निकाल और जमा कर सकते हैं।
ATM के बुनियादी इनपुट और आउटपुट डिवाइस निम्नलिखित हैं:
जब कार्ड को दिए गए स्थान पर डाला जाता है या swipe किया जाता है तो जो जानकारी कार्ड के magnetic stripe में स्टोर होती है उसे कार्ड रीडर द्वारा एकत्र किया जाता है और server पर भेजा जाता है।
कैश डिस्पेंसर को खाते की जानकारी और उपयोगकर्ता से मिले आदेशों के माध्यम के पैसे को निकलने की अनुमति देता है।
आज के समय में एटीएम हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी का एक बहुत ही मुख्य और महत्त्वपूर्ण अंग है।
इससे जहाँ हमे पैसे निकलने में काफी आसानी होती है वही हमें कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। एटीएम use करते हुए हमें सावधान रहने की जरुरत है। जैसे:
ATM ka Full Form in Hindi – एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी में
ATM Ka Full Form (Long Form): Automated Teller Machine है,
मतलब स्वचालित टेलर मशीन है। यह एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल मशीन है जिसका उपयोग बैंक खातों से पैसे निकलने या लेनदेन करने के लिए किया जाता है।
जैसे, पैसों को निकलना, उन्हें जमा करना, Fund transfer आदि।
यह बैंकिंग की प्रक्रिया की काफी हद तक आसान करता है। इन मशीनों का इस्तेमाल निजी बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए किया जाता है।
एटीएम ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को काफी सरल और सुविधाजनक बना दिया है।
एटीएम से हमारे समय की काफी बचत हो जाती है, वरना पहले तो बैंक जा कर ही पैसों को निकलना पढता था, क्युकि उसमें कागज़ी कार्यवाही के बिना आप पैसा नहीं निकाल सकते थे।
जिससे समय की काफी बर्बादी होती थी। देश के लगभग सभी बैंकों (जिनमें राष्ट्रीयकृत बैंक व अन्य क्षेत्रों के बैंक शामिल है) के पास एटीएम की सुविधा है। 70%-80% जनता आज कल पैसे निकलने के लिए एटीएम का प्रयोग करती है।
देश को कुछ क्षेत्र जैसे गाँव जहां एटीएम की सुविधा अभी तक नहीं है, पर सरकार की पूरी कोशिश ही की आने वाले समय में एटीएम की सुविधा हर जगह उपलब्ध कराई जाये।
एटीएम से बैंकिंग की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है क्योंकि ये मशीनें स्वचालित होती हैं और लेन देन के लिए बैंक अधिकारी की जरूरत नहीं होती।
एटीएम कैसे काम करता है – How ATM works
जब भी आप एटीएम मशीन के कोई transaction करने जाते है तो आपको सबसे पहले atm / डेबिट कार्ड जो आपको बैंक का खाता खुलवाते समय ही मिल जाता है, उसे मशीन के अंदर डालना होता है।कुछ एटीएम machines में कार्ड को swipe करने का भी option होता है। एटीएम कार्ड को मशीन में डालने या swipe करने के बाद आपको अपना 4 अंकों का pin डालना होता है।
और जितनी राशी या पैसे आपको निकलने है वो एटीएम मशीन में टाइप करना होगा।
उसके कुछ की seconds के बाद पैसे आपको मिल जायेंगे।
इसके साथ ही आपको एक रसीद भी मिलती है जिसमें आपके अकाउंट की updated details होती है।
Types Of ATM – एटीएम के प्रकार
White Label ATM (व्हाइट लेबल एटीएम) – जब एटीएम गैर-बैंक संस्थाओं के स्वामित्व और संचालित होते हैं, लेकिन वे किसी विशेष बैंक से “आउटसोर्सिंग-अनुबंध” नहीं कर रहे होते हैं।
Brown Label ATM (ब्राउन लेबल एटीएम) – जब बैंकों ने एटीएम संचालन को किसी तीसरे पक्ष को आउटसोर्स किया।
Green Label ATM (ग्रीन लेबल एटीएम) – यह एटीएम कृषि लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता है
Orange Label ATM (ऑरेंज लेबल एटीएम) – शेयर लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता है
Yellow Label ATM (येलो लेबल एटीएम) – ई-कॉमर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है
Pink Label ATM (पिंक लेबल एटीएम) – इस तरह के एटीएम की निगरानी गार्ड करते हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि केवल महिलाएं ही इन एटीएम तक पहुंचें। ऐसे एटीएम का एकमात्र उद्देश्य एटीएम की लंबी कतारों में खड़ी महिलाओं की समस्या को कम करना है।
BioMetric ATM (बायोमेट्रिक एटीएम) – वे एटीएम जो बैंक विवरणों तक पहुँचने के लिए ग्राहक के फिंगरप्रिंट स्कैनर और आई स्कैनर जैसी सुरक्षा सुविधाओं का उपयोग करते हैं।
Types of ATM Machine – एटीएम मशीन के प्रकार
एटीएम मशीन दो प्रकार की हो सकती है;पहली, जिसमें आप basic functions के माध्यम से आप नकदी निकाल सकते और अपने account का updated balance को चेक कर सकते है।
और दूसरा advanced functions के माध्यम से जहाँ आप पैसे निकलने के साथ साथ पैसे जमा भी कर सकते है।
Basic Structure of ATM Machine – एटीएम के बुनियादी Parts
एटीएम मशीन उपयोग करना बहुत सरल और आसान है। इसे उपयोगकर्तों के अनुकूल बनाया गया है।इसमें कई तरह की input और output devices होती है जिससे लोग बिना किसी परेशानी से पैसे निकाल और जमा कर सकते हैं।
ATM के बुनियादी इनपुट और आउटपुट डिवाइस निम्नलिखित हैं:
Input Devices of ATM Machine
Card Reader:
यह device कार्ड का data जिसमे की हमारे बैंक के खाते की जानकारी होती है, उसे पढता है जो कार्ड के backside में magnetic stripe में स्टोर होती है।जब कार्ड को दिए गए स्थान पर डाला जाता है या swipe किया जाता है तो जो जानकारी कार्ड के magnetic stripe में स्टोर होती है उसे कार्ड रीडर द्वारा एकत्र किया जाता है और server पर भेजा जाता है।
कैश डिस्पेंसर को खाते की जानकारी और उपयोगकर्ता से मिले आदेशों के माध्यम के पैसे को निकलने की अनुमति देता है।
Keypad:
Keypad की सहायता से आप मशीन में अपना pin डाल सकते है, आपको कितनी राशी अपने अकाउंट से निकालनी है, उसका अमाउंट type कर सकते है। उसके अलवा आप enter, clear, cancel आदि अन्य सेवाएँ भी प्रदान करता है।Output Devices of ATM Machine
Speaker:
अधिकांश एटीएम में स्पीकर की सुविधा भी उपलब्ध होती है. जैसे ही आप स्पीकर के बटन on करते है तो ऑडियो सुनाई देता है. वो आपको instructions देता है. जैसे की PIN डालना उसके बाद आपके अकाउंट से related और भी विकल्प देता है।Display Screen:
एटीएम की स्क्रीन पर आपको अपने खाते के लेन देन के संबंधित सारी जानकारी को दर्शाता है। जैसे खाता धारक का नाम, आपके अकाउंट की शेष और उपलब्ध राशि आदि।Cash Dispenser:
यह output एटीएम मशीन का सबसे मुख्य उपकरण है। क्युकि यह पैसे निकाल कर आपको देता है। एटीएम मशीन में लगे सेंसर की सहायता से ये अपने जितनी भी राशी डाली है उतना ही पैसे यह आपको निकाल कर देता है।Receipt Printer:
आप एटीएम से जब भी कोई transaction करते है, तो आपको transaction के अंत में एक रसीद एटीएम से मिलती है जिसमे अपने जो लेन देन किया है उसकी जानकारी होती है। जैसे पैसे निकालने और जमा करने का समय और तारीख, आपके अकाउंट की शेष और उपलब्ध राशी।Uses Of ATM – एटीएम के प्रयोग
नकद और चेक जमा कर सकते है।
नकद निकाल सकते है।
पैसों को transfer कर सकते है।
मिनी स्टेटमेंट से शेष राशी का पता लगा सकते है।
बिलों का भुगतान कर सकते है।
मोबाइल आदि रिचार्ज करवा सकते है।
अपना pin कोड बदल सकते है।
आज के समय में एटीएम हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी का एक बहुत ही मुख्य और महत्त्वपूर्ण अंग है।
इससे जहाँ हमे पैसे निकलने में काफी आसानी होती है वही हमें कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। एटीएम use करते हुए हमें सावधान रहने की जरुरत है। जैसे:
Precautions at ATM – एटीएम इस्तेमाल करते समय ली जाने वाली सावधानियां
हमें कोशिश करनी चाहिए की हम एटीएम से पैसे दिन के टाइम ही निकाले, अगर किसी कारण वश हमें रात को पैसे ही जरुरत पढ़ती है ओर हमें रात के समय एटीएम जाना पढता है तो हमें अपने साथ किसी को ले कर जाना चाहिए, अकेले नहीं।
जब आप एटीएम के पैसे निकलने जा रहे है तोह कार्ड को पहले से ही अपने को अपने हाथों में रख ले। ताकि आपको एटीएम के अंदर जा कर अपना कार्ड न निकलने पढ़े ओर यह भी ध्यान रखे की ऐसा करते समय आपको आस पास कोई संदिग्ध व्यक्ति न हो, और एटीएम के बहार कोई गार्ड जरुर हो।
जब आप एटीएम मशीन के पैसे निकलते समय PIN डालते है तो कोशिश करें की आपका pin कोई न देख पाए।
एटीएम मशीन से आप जब पैसे निकाल ले ओर गिन ले। और इस बात का भी ध्यान रखे की पैसे गिने वक़्त आपको कोई देख न रहा हो।
पैसे निकलने के बाद आपको जो रसीद मिलती है उसे अपने पास संभल कर रखे और उसे अपने बैंक स्टेटमेंट से टैली कर ले।
अपने एटीएम pin को हमेशा याद रखे और एटीएम का इतेमाल करने के बाद मशीन के अन्दर न छोडें।
History of ATM – एटीएम का इतिहास
एटीएम मशीन का अविष्कार John Shepherd-Barron (जॉन शेफर्ड बैरन) ने London में किया था।
ऐसा माना और कहा जाता है की एटीएम का प्रयोग सबसे पहले न्यूयॉर्क और लन्दन में हुआ था।
इसके बाद 1966 में जापान में इसका उपयोग किया गया था।
Barclays Bank London में 27 जून 1967 में सबसे पहले इसे प्रयोग में लिया था।
ग्राहकों में सबसे पहला नाम कॉमेडी एक्टर रेग वरने का आता है जिन्होंने सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया था।
एटीएम से सम्भंदित महत्वपूर्ण तथ्य
बार्केले बैंक London में 27 जून 1967 में सबसे पहले इसे स्थापित किया था।
एटीएम का अविष्कार John Shepherd-Barron (जॉन शेफर्ड बैरन) ने किया था।
भारत में एचएसबीसी बैंक द्वारा एटीएम 1987 में स्थापित किया था।
भारतीय स्टेट बैंक दुनिया का पहला फ्लोटिंग एटीएम है जो केरल में स्तिथ है।
कॉमेडी एक्टर Reg Warnes दुनिया के पहले एटीएम ग्राहक थे जिन्होंने एटीएम से पैसे निकले थे।
दुनिया का सबसे ऊंचा एटीएम यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का है जो नाथू-ला में स्तिथ है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 14,300 फीट है। यह एटीएम मुख्य रूप से सेना के प्रयोग के लिय स्थापित किया गया था।
ब्राजील में बायोमेट्रिक तरीके से अपनी उंगलियों को स्कैन करके आप एटीएम से पैसे निकाल सकते है।
रोमानिया ही एक ऐसा देश है जहा पर अगर आपका बैंक में खाता नहीं है तो भी आप एटीएम से पैसे निकाल सकते है।
Benefits of ATM – एटीएम के लाभ
एटीएम की सेवा ग्राहकों के लिए 24×7 उपलब्ध है।
एटीएम के आ जाने से बैंक के अधिकारियों पर काम के दबाव में कमी देखि गयी है।
जो लोग ज्यादा यात्रा करते है उनके लिए एटीएम अधिक उपयोगी माना जाता है।
वर्तमान समय में, दुनिया भर में 3.5 मिलियन से अधिक एटीएम हैं।