Chinese Lok Katha Hindi: ड्रैगन सम्राट [चीनी लोक कथा]

Chinese Lok Katha Hindi का अंश:

प्राचीन चीन में एक रात एक अनोखे बच्चे का जन्म होता है. वह एक सम्राट है और एक ड्रैग्न भी है. ड्रैगन सम्राट एक शक्तिशाली शासक बनता है. लेकिन ची यु‌ नामक योद्धा उससे ईर्षा करता है.

वह सम्राट को पराजित कर चीन का शासक बनना चाहता है, क्या सम्राट देश की रक्षा कर पायेगा? या ची यु विजयी होगा?…। इस Chinese Lok Katha Hindi को अंत तक जरुर पढ़ें…

Chinese Lok Katha Hindi: ड्रैगन सम्राट [चीनी लोक कथा]


चीन के मध्य में माउंट ताइ स्थित है.

पाँच रंगों के बादल इस विशाल पहाड़ को घेरे रहते हैं और पीली, लाल, काली, नीली और श्वेत नदियाँ इसकी ढलानों से नीचे बहती रहती हैं.

इस पहाड़ पर हर ओर फैले घने जंगलों में अनोखे जानवर रहते हैं.

पेड़ों के ऊपर विलक्षण पक्षी उड़ते रहते हैं और पहाड़ी नदियों में अद्भुत मछलियाँ तैरती रहती हैं.

माउंट ताइ कई देवताओं और देवियों का निवास स्थान भी है.

उनके चेहरे मानवों जैसे है, और शरीर सर्पों जैसे. और उनकी लंबी पूछें घुम कर उनके सिरों तक पहुँच जाती हैं. उस पहाड़ पर पाये जाने वाले है श्याम-श्वेत जेड ही वह खाते हैं.

बहुत समय पहले माउंट ताइ पर एक रात, एक माँ ने एक सुवर्ण ड्रैगन को जन्म दिया. उस के चार चेहरे थे –

एक चेहरा सामने था और एक पीछे, एक चेहरा बाईं ओर था और एक दाईं ओर.

यही शिश॒ स॒वर्ण सम्राट था. कुछ ही दिनों में वह शिशु बोलने लगा और झटपट बड़ा होने लगा.

सुवर्ण सम्राट अपने देश का एक महान नायक बना.

उसने लोगों को यह भी बतलाया कि कुएं कहाँ खोदते हैं और घर कैसे बनाते हैं.

सुरक्षित घरों में रहते हुए, पका हुआ भोजन खा कर और साफ पानी पीकर वहां के लोग स्वस्थ और बलवान बन गए.

सुवर्ण सम्राट सिर्फ एक न्यायप्रिय शासक ही नहीं था, वह एक आविष्कारक भी था.

उसने लोगों को कच्चे खाने को आग पर पकाना सिखाया. खाना पकाने के कार्य को सरल बनाने के लिए उसने कड़ाई का आविष्कार किया.

सम्राट ने उन अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जो नये आविष्कार कर रहे थे. उसके नेतत्व में लोगों ने सूर्य, चंद्रमा और तारों का

अध्ययन किया.

उन्होंने भाषा का और चीनी वर्णमाला का आविष्कार किया. इस आविष्कार का उपयोग कर उन्होंने नियम-कानून लिखे और कैलेंडर की रचना की उन्होंने इतिहास और औषधियों के विषय में लिखा.

उन्होंने विज्ञान और कला के बारे में लिखा.

सवर्ण सम्राट के राज्य में लोगों का जीवन बहुत ही सुखद था. लेकिन राज्य की शांति प्राय: भंग हो जाती थी. जब पड़ोस के कबीले आक्रमण करते थे.

अपने देश और प्रजा की रक्षा करने के लिए सुवर्ण सम्राट को युद्ध करना पड़ता था. अपने शत्रुओं का सामना करने के लिए उसने बादलों और वर्षा को इकट्ठा किया. उसने पशु और पक्षियों को अपनी सहायता के लिए बुलाया.

अपने सैनिकों को लड़ाई में सक्षम बनाने के लिए स॒वर्ण सम्राट ने कई आविष्कार किये. उसने रथ बनाये ताकि सेना तेज़ी से आगे बढ़ सके. उसने युद्ध-ध्वजों की रचना की ताकि दूर-दूर तक उसके सैनिक अपने सेनापतियों के आदेशों का समझ कर पालन कर सकें.

सुवर्ण सम्राट के महान योद्धाओं में से एंक था भयंकर ड्रैग्न, जिसका नाम था ची यू.

वह सुवर्ण सम्राट का सारथी और उसके राज-दरबार का सर्वोच्च मंत्री था. वह देश के नौ शक्तिशाली कबीलों का नायक भी था.

ची यू के सींगदार, लोहे के सिर में चार आँखें थीं और उसके शल्की शरीर में छह बाहें थी.

वह वर्षा और तूफान का आह्वान कर सकता था. युद्ध में शत्रुओं का नाश करने के लिए वह अपनी इन शक्तियों का उपयोग करता था.

ची यू के इक्यासी भाई थे और वह सब उसके जैसे ही थे.

वह सब भ्यंकर योद्धा थे, जो घोड़ों की तरह तेज़ दौड़ते थे और पक्षियों की तरह आकाश में उड़ते थे. भोजन में वह रेत, पत्थर और धातू खाते थे.

ची यु‌ और उसके भाई उस देश के सबसे खूंखार योद्धा थे.

परंत जैसे-जैसे उसकी शक्ति और प्रसिद्धि बढ़ी, सम्राट के राज-दरबार में अपनी पदवी से ची यू अप्रसन्‍न रहने लगा.

वह स्वयं ही सम्राट बनना चाहता था. इसलिए उसने अपने इक्यासी भाइयों को इकट्ठा किया और सुवर्ण सम्राट पर हमला कर दिया.

सवर्ण सम्राट और उसकी सेना ने राजधानी के बाहर उसका सामना किया.

एक लंबा और भयंकर युद्ध शुरु हो गया.

ड्रैगन, बाघ, शेर और भालू‌ सुवर्ण सम्राट की सेना में सम्मिलित हो गए. फीनिक्स और गरुड़ और बाज़ ध्वजाओं के समान सेना को रास्ता दिखाने के लिए यद्धस्थल के ऊपर उड़ने लगे सुवर्ण सम्राट की सहायता करने हेत देवता झटपट पहाड़ों और नदियों सेँ नीचे आए.

ची यू की सेना में उसके इक्यासी ड्रैगग भाई और हज़ारों भीमकाय योद्धा थे. उसने अपने सैनिकों को तलवारें और भाले और फरसे दिये. उसने उन्हें धनुष और बाण दिये. यह उस काल के सबसे नये और शक्तिशाली हथियार थे.

ची यू सिर्फ एक महान योद्धा ही न था. वह एक महान जादूगर भी था. वह अपने जादू से शत्रुओं को भ्रमित कर सकता थां और उनके लड़ने के संकल्प को नष्ट कर सकता था.

रहस्यमयी धुंध और अजब शोर उत्पन्न कर वह शत्रु सैनिकों को भयभीत कर सकता था.

यद्ध के दौरान ची यु ने यद्धस्थल्र के उस भाग में घना कोहरा पैदा कर दिया जहाँ सवर्ण सम्राट की सेना थी. सम्राट की सेना कोहरे में भटक गई.

ची यु के योद्धाओं ने सम्राट की सेना पर हमला कर दिया और इतने सैनिकों को मार डाल्रा कि खून की नदी बहने लगी.

सवर्ण सम्राट और उसके बचे हए सैनिक खाने और पानी के बिना, तीन दिनों और रातों तक भटकते रहे. वह शक्तिहीन और व्याकुल थे और पराजय की कगार पर खड़े थे.

फिर सम्राट के आविष्कारकों में से एक ने एक अनोखा रथ बनाया. रथ में एक मूर्ति लगी थी जिसकी अंगुलि एक ओर संकेत कर रही थी. रथ चाहे किसी भी दिशा में जाये मुर्ति की अंगुलि सदा दक्षिण की और संकेत करती थी.

रथ का चालक कभी भटक न सकता था. यह आविष्कार संसार का पहला कम्पास था.

इसकी सहायता से स॒वर्ण सम्राट की सेना घने कोहरे में भी आंगे बढ़ सकती थी.

उसने ची यू की घेराबंदी को तोड़ डाला और अपने सैनिकों को सरक्षित वापस अपने शिविर ले आया.

तब भी ची यू ने इस युद्ध की नौ लड़ाइयाँ जीत लीं.

स॒वर्ण सम्राट समझ गया कि ची यू के काले जादू का सामना करने के लिए उसे और महान आविष्कारों की ज़रूत थी.

Yahudi Katha Hindi: लकड़ी की तलवार को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

पहले उसने बैलों और भेड़ों के सींगों से बिगुल बनाये. जब ची यू भयंकर आवाज उत्पन्‍न करता था तब सम्राट के सैनिक बिगुल बजाते थे.

वह ड्रैगन की गर्जन जैसी तेज़ ध्वनि निकालते थे.

इस तरह सम्राट के सैनिकों का साहस और आत्मविश्वास लौट आया और वह अपनी पूरी शक्ति लगा कर ची यू से युद्ध करने लगे.

फिर सवर्ण सम्राट ने पूर्वी चीन सागर में थंडर ड्रैगन “कुई” को बंदी बना लिया.

उसने ड्रैगन की चमड़ी और हड्डियों से जादुई ढोल बनाये. सैनिकों ने वह ढोल बजाये. उनकी गरजती आवाज़ धरती पर हज़ारों मील गज तक सनाई दी. उस आवाज़ की गर्जन से धरती ऐसे कॉप गई कि जैसे कोई भूचाल आ गया हो.

ची यु के सैनिक ज़मीन पर लूढ़क गये. भय से काँपते हए, जब वह सरक्षित जगहों में छिपने के लिए धक्‍का-मुकक्‍की कर रहे थे. तब सृ॒वर्ण सम्राट की सेना ने उन पर पूरी ताकत लगा कर हमला कर दिया.

थंडर ड्रैग्न की हड़डियों और चमड़ी से बने जादुई ढोल की सहायता से सुवर्ण संमग्राट ने पहली जीत अर्जित की.

सुवर्ण सम्राट जानता था कि ची यू को हराने के लिए उसे और सहायता की आवश्यकता थी. इसलिए उसने यिंग लांग से कहा कि

यद्ध में उसका साथ दे.

यिंग लांग पंखोवाला ड्रैगन था. वह उड़ सकता था और बादलों को बुला सकता था.

वह बारिश लाता था और बाढ़ को रोकने के लिए बाँध बनाता था.

जब सुवर्ण सम्राट ने उससे मदद माँगी तो यिंग लांग ने एक बाँध बनाया.

उसकी योजना बाँध के पीछे एक झील बनाने की थी. बाँध के फाटक खोलने पर झील का पानी ची यू के शिविर को डुबो देगा.

लेकिन ची यु ने तरंत मुकाबला किया उसने वर्षा ओर आँधी के अपने देवताओं को बुलाया, बाँध के पूरा होने से पहले ही उसने स॒वर्ण सम्राट के शिविर पर एक भयेकर अंधड़ भेज दिया और यद्धस्थल में मूसलाधार बारिश हुई बाढ़ आ गई और कई सैनिक डूब कर मर गए.

अब सवर्ण सम्राट ने अपनी बेटी बा को सहायता के लिए बुलाया.

बा तीन फुट लंबी अकाल की देवी थी. उसकी आँखें उसके बाल-रहित सिर के ऊपर थीं और उसका शरीर सूर्य से भी अधिक गर्मी पैदा करता था.

जब उसके पिता ने उससे मदद मांगी तो वह आकाश से उतर कर नीचे आ गईं. उसका नन्‍हा शरीर आग के गोले समान जल रहा था.

उसकी गर्मी से भूमि पर बहता सारा पानी सुख गया. अंधड़ रुक गया, जादू समान सैलाब गायब हो गया.

यिंग लांग ने इस अवसर का लाभ उठाया और बाँध का काम पूरा कर लिया. उसने बाँध के पीछे की झील को बारिश के पानी से भर दिया.

फिर उसने बाँध के फाटक खोल दिये और ची यू का शिविर बाढ़ में डूब गया. उसने भयंकर ड्रैग्न के सैनिकों पर एक के बाद एक,

कई अंधड़ और तफान फेंके. इसके पहले कि ची यू की सेना सँभल पाती, सुवर्ण सम्राट की सेना ने हमला कर दिया. भयंकर ड्रैगन पकड़ा गया.

सवर्ण सम्राट ने आदेश दिया कि यू का वध कर दिया जाये.

नीले पहाड़ की तलहटी पर भयंकर ड्रैगन का सिर काट दिया गया. उसके योद्धा भाग गये कुछ पहाड़ों में जाकर छिप गये कुछ सागर पार चले गये.

नीले पहाड़ में भयंकर ड्रैगन का शव चिनार के पेड़ों का जंगल बन गया. हर वर्ष पतझड़ में जब पेड़ों के पत्ते लाल रंग के हो जाते हैं और गिरने लगते हैं. तब लोगों को लगता है कि ची यू के घावों से लहू बह रहा है.

हवा में उसकी आत्मा की पूकार लोगों को सनाई देती है, और लगता है कि युद्ध करने के लिए अपने भाइयों को वह बला रही है.

ची यु को हरा कर सुवर्ण सम्राट चीन का एकछत्र सम्राट बन गया. वह माउंट ताड़ से देश पर शासन करता था. अपने चार चेहरों से

वह संसार को दूर-दूर तक देख सकता था.

उसे मख्य सम्राट कहा जाने लगा और उसके देश को मध्य राज्य कहा जाता.

युद्ध का समाप्ति पर सुवर्ण सम्राट ने सैनिकों को आदेश दिया कि सारे भाले और बाण और फरसे इकड्ठे किये जायें.

उसने हथियारों को पिघलाने का आदेश दिया. फिर सबसे कुशल कारीगरों से कहा कि पिघली हई धात्‌ से एक विशाल तिपाई बनायें.

कारीगरोँ ने उसे तिपाई पर ड्रैगन और देवता, जानवर और पक्षी, पोधे और दैत्य तराश कर बना दिये. उस पर यद्ध के दृश्य अंकित किये वह चाहते थे कि भविष्य में लोग यह स्मरण रखें कि युद्ध में क्या हुआ था.

तिपाई का काम पूरा होने पर एक भव्य समारोह आयोजित हुआ तो यिन लांग आकाश से आया. उसके शरीर और पंखों पर लगे सुनहरी शल्कों की चमक ने लोगोंन को चकाचौंध कर दिया.

पंखोंवाला ड्रैगन सुवर्ण सम्राट को दिव्य राज-दरबार में ले जाने के लिए धरती पर लौट आया था.

वहाँ एकत्र लोग रोने लगे और धरती पर रहने के लिए अपने सम्राट से विनती करने लगे, फिर भी स॒वर्ण सम्राट ड्रैगन की पीठ पर बैंठ कर आकाश की ओर चला गया और लुप्त हो गया.

लेकिन सुवर्ण सम्राट की आत्मा और बद्धिमानी आजतक लोगों को प्रेरित कर रही है, लोग उसे चीन के सबसे महान ड्रैगन के रुप में पूजते हैं और चीन के लोग अपने को सुवर्ण ड्रैगन की संतान मानते हैं.

हज़ारों वर्षों से ड्रैगन चीनी लोक-कथाओं के सबसे शक्तिशाली जीव हैं. पैराणिक कहानियों में ड्रैगन वह दिव्य जीव हैं जिनके हिरणों के सींग या ऊँट का सिर या भूत की आँखें या साँप की गर्दन या बैल के कान होते हैं. उनके घड़ियाल के पेट, कार्प मछली के शल्क बाघ के पंजे, और गरुड़ के नाखून होते हैं. उन्होंने मँह में मोती पकड़े होता हैं जो तारों समान चमकते हैं.

वह उड़ सकते हैं, तैर सकते हैं और धरती में सुरंग बना सकते हैं. आग और बादल उगलते हुए वह आकाश और धरती और पाताल के बीच सरलता से आ-जा सकते हैं इन ड्रैगन की कहानियाँ चीन के सम्राटों और चीन की स्थापना से जड़ी हुई हैं.

सवर्ण सम्राट जैसे शासक अकसर दावा करते थे कि वह ड्रैगन थे. वह मनष्य के रुप में प्रकट हुए थे पर ड्रैगन के आकार के महल में रहते थे और सिंहासन पर बैठते थे और ड्रैग्न के वस्त्र पहनते थे.

चीन की संस्कति में ड्रैगन का अभी भी बहुत महत्व है. सवर्ण सम्राट को चीन का संस्थापक माना जाता है. और ची यू के वंशज भी उसकी जादुई शक्तियों को कभी भुला नहीं पाये हैं. उत्सव के समय उसके सम्माने में कुश्ती और माशल आर्ट के मुकाबले आयोजित होते हैं. उसके मंदिरों में ध्वजायें हवा में फड़फड़ाती हैं मानो कि युद्ध करने के लिए सैनिकों का वह आहवान कर रहा था.

लेकिन पंखोंवाला ड्रैगन यिन लांग सबसे अधिक प्रसिद्ध है. नववर्ष के दिन लोग उसके सम्मान में ड्रैगन नृत्य करते हैं. लोग उसे इस आशा से प्रसन्‍न करते हैं कि वह वर्षा, धूप और अच्छी उपज का वरदान देगा.
 

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