करवा चौथ पर पति की याद में सैड शायरी | Karwa Chauth sad Shayari in Hindi – by Shivanand Verma

करवा चौथ पर पति की याद में सैड शायरी | Karwa Chauth sad Shayari in Hindi – by Shivanand Verma


चाँद मेरी एक बात तो सुन ले,
ले जा संदेशा पिया के पास,
याद में उनके ना कटे दिन रैना,
करवाचौथ का दिन आ रहा है पास।

Chand Meri Ek Bat To Sun Le,
Le Ja Sanesha Piya Ke Pas,
Yad Me Unke Na Kate Din Raina,
Karwa Chauth Ka Din Aa Raha Hai Pas.
तुम दूर हुए तो कोई बात नहीं,
है पास मेरे तेरी याद सही,
करवा चौथ का ये दिन भूल ना जाना,
करती हूँ सनम फरियाद यही।

Tum Door Hue To Koi Bat Nahi,
Hai Pas Mere Teri Yad Sahi,
Karwa Chauth Ka Ye Din Bhool Na Jana,
Karti Ho Sanam Fariyad Yahi.
तुम दूर हुए तो कोई बात नहीं, है पास मेरे तेरी याद सही, करवा चौथ का ये दिन भूल ना जाना, करती हूँ सनम फरियाद यही।


हर रात मैं चाँद को जब जब देखूँ,
बस तेरा चेहरा ही नज़र मुझे आए,
है यही कामना चाँद से मेरी,
करवाचौथ पर मेरे सजन घर आ जाए।

Har Rat Mai Chand Ko Jab Jab Dekho,
Bas Tera Chehra Hi Mujhe Nazar Aaye,
Hai Yahi Kamna Chand Se Meri,
Karwa Chauth Par Mere Sajan Ghar Aa Jaye.

हर रात मैं चाँद को जब जब देखूँ, बस तेरा चेहरा ही नज़र मुझे आए, है यही कामना चाँद से मेरी, करवाचौथ पर मेरे सजन घर आ जाए।


मेरे साथ रहने का वादा करके,
तुम यूँ दूर क्योँ निकल गए,
आ गया करवाचौथ भी अब तो,
तेरे बिन मेरे अरमान बिखर गए।

Mere Sath Rahne Ka Wada Karke,
Tum Door Kyo Nikal Gaye,
Aa Gaya Karwachauth Bhi Ab To,
Tere Bin Mere Arman Bikhar Gaye.


Mere Sath Rahne Ka Wada Karke, Tum Door Kyo Nikal Gaye, Aa Gaya Karwachauth Bhi Ab To, Tere Bin Mere Arman Bikhar Gaye.


करवाचौथ का चाँद मेरे दिल पर,
बहोत कहर बरसाए सजन,
जाने कब तू वापस आये,
हो जाये अपना मधुर मिलन।

Karwa Chauth Ka Chand Mere Dil Par,
Bahot Kahar Barsaye Sajan,
Jane Kab Too Wapas Aaye,
Ho Jaye Apna Madhur Milan.

करवाचौथ का चाँद मेरे दिल पर, बहोत कहर बरसाए सजन, जाने कब तू वापस आये, हो जाये अपना मधुर मिलन।


सखी सहेलियाँ सज धज कर,
व्रत करवाचौथ का करती हैं,
तेरी सजनी मिलन को तरस रही,
पल पल आहें भरती है।


Sakhi Saheliya Saj Dhaj Kar,
Vrat Karwachauth Ka Karti Hai,
Teri Sajani Milan Ko Tarsh Rahi,
Pal Pal Aahe Bharti Hai.

सखी सहेलियाँ सज धज कर, व्रत करवाचौथ का करती हैं, तेरी सजनी मिलन को तरस रही, पल पल आहें भरती है।


ज़िंदा हूँ मैं मायूस सही,
तेरी आस लिए इस आँगन में,
तू लौट के वापस आएगा,
कहता है चाँद मेरे मन में।


Zinda Ho Mayoush Sahi,
Teri Aas Liye Is Aangan Me,
Too Laut Ke Wapas Aayega,
Kahta Hai Chand Mere Man Me
.

मैं विरह वेदना से तड़प रही,
ये चाँद और तड़पाता है,
छुप छुप कर झाँके खिड़की से,
तेरी ही याद दिलाता है।

Mai Virah Vedna Se Tadp Rahi,
Ye Chand Aur Tadpata hai,
Chup Chup Kar Jhanke Khidki Se,
Teri Hi Yad Dilata Hai.
 

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