मथुरा (Mathura) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में स्थित एक नगर है। मथुरा ऐतिहासिक रूप से कुषाण राजवंश द्वारा राजधानी के रूप में विकसित नगर है। उससे पूर्व भगवान कृष्ण के समय काल से भी पूर्व अर्थात लगभग 7500 वर्ष से यह नगर अस्तित्व में है.यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मथुरा भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म, दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, चैतन्य महाप्रभु आदि से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
हो गए मजबूर दाने दाने के लिए,
चार कंधे भी नहीं मिले अर्थी उठाने के लिए,
छोड़ कर आए थे जो मथुरा को पिछड़ा बोल कर
आज तड़प रहे हैं मथुरा जाने के लिए।
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो मथुरा मेरा हैं।
मथुरा में, पैसे से जेब हल्की और दिल के लोग बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है।
माना शहर में तुम्हारा वो तरक्की वाला मकान है,
मगर मथुरा में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है।
कृष्ण से ही इतनी ताकत पाते है,
मथुरा वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है।
जो लोग दिल्ली की दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर मथुरा की हवा से ठीक हो जाते है।
दिल खुश हो जाता है मथुरा के मेले में,
ख़ुशी का पता ही नही शहर के झमेले में।
जो कल तक टूटा सा था वो जुड़ रहा है,
अब जाकर विकास मथुरा की ओर मुड़ रहा है।
मेरी शहर सी ज़िंदगी में,
वो कृष्ण की मथुरा सी है।
शांत, स्वच्छ और मासूम।
मथुरा और शहर के लोगों में
उतना ही अंतर होता है
जितना धरती और गमले में
उगे हुए पौधे में होता है।
यूँ तो समेट लाए हर चीज़ मथुरा से मगर,
धागे तुम्हारे नाम के बरग़द पे ही रह गए
ये दौड़ता हुआ शहर है जनाब,
चलना हो तो आओ मथुरा कभी।
दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,

ये मथुरा का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..!!
बंद कमरों में कहाँ ऐसी सदाएं होंगीं,
ये मेरे मथुरा के बरगद की हवांए होंगी।
दिल्ली की दवा और मथुरा की हवा बराबर होती है।
हमारे लिए तो मथुरा हमारी ज़िंदगी है साहब।
मथुरा की खुशबु, गोकुल का हार
वृंदावन की सुगंध, बरसाने की फुहार
राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
ए जन्नत अपनी औकात में रहना,
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही,
हम श्री बांकेबिहारी के मथुरा में रहते है,
वहां तेरी भी कोई औकात नही।
बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही,
मेरे कान्हा के मथुरा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है।
रंग बदलती दूनियाँ देखी देखा जग व्यवहार,
दिल टूटा तब मन को भाया मथुरा वाला दरबार।
राधे राधे
जिसके हृदय में सबके हित का भाव रहता है वही भगवन के मथुरा में स्थान पाता है।
बुला लो वृन्दावन में मेरा दिल बहुत उदास है,
नज़र भर तुमको देख लू, बस यही मेरे दिल की आस है।
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है।
उत्तर प्रदेश हमारी शान है
अयोध्या मे जन्मे श्रीराम भगवान है,
काशी मे बसे काशी विश्वनाथ है,
संगम प्रयागराज की शान है,
तो यही बसा चित्रकूट धाम है,
गोकुल , मथुरा, बरसाने मे गुंजाता
आज भी कान्हा का नाम है।।
कृष्ण कन्हैया हम आयेंगे
माखन वहीं खिलायेंगे
मथुरा को पहचान लौटा
अपना वचन निभायेंगे।
वह मधुर यमुना की जिसमे,
शुद्ध अमृत सा जल भरा है,
वह मधुर ब्रजभूमि जिसको
कृष्ण के उर ने वरा हैं,
स्वप्न मैं भी नाम सुनकर,
धड़कने लगता हृदय हैं,
मधुर मथुरा में न जाने,
कौन- सा जादू भरा हैं?
किसी नशे की लत तो आम बात है पर नशा जब किसी शहर का लगे समझ लेना वो #मथुरा है।
हमे शौक नहीं दुबई अमेरिका घूमने का
हम तो #मथुरा नगरी के दीवाने है।
#श्री_राधे_राधे
अभी तो बस इश्क़ हुआ है कान्हा से,
मंज़िल तो बस वृंदावन में ही मिलेगी।
बहुत खूबसूरत हैं मेरे ख्यालों की दुनिया,
बस मथुरा से शुरू और मथुरा पर ही खत्म।
काश मैं कोई ऐसा जुर्म करू की सजा मिले हर्जाने में,
मेरा जीवन बीते वृंदावन में और मौत मिले बरसाने में।
हो गए मजबूर दाने दाने के लिए,
चार कंधे भी नहीं मिले अर्थी उठाने के लिए,
छोड़ कर आए थे जो मथुरा को पिछड़ा बोल कर
आज तड़प रहे हैं मथुरा जाने के लिए।
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो मथुरा मेरा हैं।
मथुरा में, पैसे से जेब हल्की और दिल के लोग बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है।
माना शहर में तुम्हारा वो तरक्की वाला मकान है,
मगर मथुरा में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है।
कृष्ण से ही इतनी ताकत पाते है,
मथुरा वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है।
जो लोग दिल्ली की दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर मथुरा की हवा से ठीक हो जाते है।
दिल खुश हो जाता है मथुरा के मेले में,
ख़ुशी का पता ही नही शहर के झमेले में।
जो कल तक टूटा सा था वो जुड़ रहा है,
अब जाकर विकास मथुरा की ओर मुड़ रहा है।
मेरी शहर सी ज़िंदगी में,
वो कृष्ण की मथुरा सी है।
शांत, स्वच्छ और मासूम।
मथुरा और शहर के लोगों में
उतना ही अंतर होता है
जितना धरती और गमले में
उगे हुए पौधे में होता है।
यूँ तो समेट लाए हर चीज़ मथुरा से मगर,
धागे तुम्हारे नाम के बरग़द पे ही रह गए

ये दौड़ता हुआ शहर है जनाब,
चलना हो तो आओ मथुरा कभी।
दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,


ये मथुरा का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..!!
बंद कमरों में कहाँ ऐसी सदाएं होंगीं,
ये मेरे मथुरा के बरगद की हवांए होंगी।
दिल्ली की दवा और मथुरा की हवा बराबर होती है।
हमारे लिए तो मथुरा हमारी ज़िंदगी है साहब।
मथुरा की खुशबु, गोकुल का हार
वृंदावन की सुगंध, बरसाने की फुहार
राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
ए जन्नत अपनी औकात में रहना,
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही,
हम श्री बांकेबिहारी के मथुरा में रहते है,
वहां तेरी भी कोई औकात नही।
बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही,
मेरे कान्हा के मथुरा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है।
रंग बदलती दूनियाँ देखी देखा जग व्यवहार,
दिल टूटा तब मन को भाया मथुरा वाला दरबार।
राधे राधे

जिसके हृदय में सबके हित का भाव रहता है वही भगवन के मथुरा में स्थान पाता है।
बुला लो वृन्दावन में मेरा दिल बहुत उदास है,
नज़र भर तुमको देख लू, बस यही मेरे दिल की आस है।
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है।
उत्तर प्रदेश हमारी शान है
अयोध्या मे जन्मे श्रीराम भगवान है,
काशी मे बसे काशी विश्वनाथ है,
संगम प्रयागराज की शान है,
तो यही बसा चित्रकूट धाम है,
गोकुल , मथुरा, बरसाने मे गुंजाता
आज भी कान्हा का नाम है।।
कृष्ण कन्हैया हम आयेंगे
माखन वहीं खिलायेंगे
मथुरा को पहचान लौटा
अपना वचन निभायेंगे।
वह मधुर यमुना की जिसमे,
शुद्ध अमृत सा जल भरा है,
वह मधुर ब्रजभूमि जिसको
कृष्ण के उर ने वरा हैं,
स्वप्न मैं भी नाम सुनकर,
धड़कने लगता हृदय हैं,
मधुर मथुरा में न जाने,
कौन- सा जादू भरा हैं?
किसी नशे की लत तो आम बात है पर नशा जब किसी शहर का लगे समझ लेना वो #मथुरा है।
हमे शौक नहीं दुबई अमेरिका घूमने का
हम तो #मथुरा नगरी के दीवाने है।
#श्री_राधे_राधे
अभी तो बस इश्क़ हुआ है कान्हा से,
मंज़िल तो बस वृंदावन में ही मिलेगी।
बहुत खूबसूरत हैं मेरे ख्यालों की दुनिया,
बस मथुरा से शुरू और मथुरा पर ही खत्म।
काश मैं कोई ऐसा जुर्म करू की सजा मिले हर्जाने में,
मेरा जीवन बीते वृंदावन में और मौत मिले बरसाने में।