रिश्तो पर दोहे | सुविचार

Rishto Par Dohe  Suvichar  रिश्तो पर दोहे  सुविचार-min.jpg


ये उम्र चली किस रस्ते लेकर,
ना कोई पहचानने वाला,
ना कोई पूछे हाल रे मन का,
ना कोई है चाहने वाला।

ये उम्र चली किस रस्ते लेकर,  ना कोई पहचानने वाला,  ना कोई पूछे हाल रे मन का,  ना कोई है चाहने वाला।


Aye Umar Chali Kis Raste Lekar,
Na Koi Pahchanane Wala,
Na Koi Puche Haal Re Man Ka,
Na Koi Hai Chahne Wala.

अपने पराये सबने देखे,
हाल तेरे तन मन की रे…
बोझ बना है यह तन तेरा,
क्योँ आये ना मौत की झपकी रे…

अपने पराये सबने देखे,  हाल तेरे तन मन की रे… बोझ बना है यह तन तेरा,  क्योँ आये ना मौत की झपकी रे…


Apne Paraye Sabne Dekhe,
Haal Tere Tan Man Ki Re…
Bojh Bana Hai Yah Tan Tera,
Kyu Aaye Na Maut Ke Jhapki Re…

जीवन में तेरे सुख नहीं बंदे,
चैन नहीं कभी पायेगा,
तेरा मेरा करते करते,
मौत का तू हो जाएगा।

जीवन में तेरे सुख नहीं बंदे, चैन नहीं कभी पायेगा, तेरा मेरा करते करते, मौत का तू हो जाएगा।


Jivan Me Tere Sukh Nahi Bande,
Chain Nahi Kabhi Payega,
Terea Mera Karte – Karte,
Maut Ka Tu Ho Jayega.


सारे रिश्ते नाते मतलब के,
छड़ भंगुर हो जाएंगे,
जो हैं तेरे बहोत करीबी,
तुझको ही आग लगाएंगे।

सारे रिश्ते नाते मतलब के, छड़ भंगुर हो जाएंगे, जो हैं तेरे बहोत करीबी, तुझको ही आग लगाएंगे।


Sare Riste Nate Matlab Ke,
Chad Bhangur Ho Jayenge,
Jo Hai Tere Bahot Karibi,
Tujhko Hi Aag Lagayenge.


जिनको तुझसे उम्मीद लगी है,
वही तुझे अपनाते हैं,
स्वारथ के ही सब है भोगी,
साथ छोड़ भग जाते हैं।

जिनको तुझसे उम्मीद लगी है, वही तुझे अपनाते हैं, स्वारथ के ही सब है भोगी, साथ छोड़ भग जाते हैं।


Jinko Tujhse Ummid Lagi Hai,
Wahi Tujhe Apnate Hai,
Swarath Ke Hi Sab Hai Bhogi,
Sath Chod Bhag Jate Hai.


तेरे मन क्या तू ही जाने,
और कोई क्या जाने रे,
बुरी या अच्छी तेरी नीयत,
तू ही तो पहचाने रे।

तेरे मन क्या तू ही जाने, और कोई क्या जाने रे, बुरी या अच्छी तेरी नीयत, तू ही तो पहचाने रे।


Tere Man Kya Tu Hi Jaane,
Aur Koi Kya Jane Re,
Buri Ya Acchi Teri Niyat,
Tu Hi To Pahchane Re.


कर्म प्रधान है, कर्म ही पूजा
और ना कोई दूजा रे,
छल – कपट सब जन्म के बैरी,
इनको क्योँ नहीं बूझा रे।

कर्म प्रधान है, कर्म ही पूजा और ना कोई दूजा रे, छल – कपट सब जन्म के बैरी, इनको क्योँ नहीं बूझा रे।


Karm Pradhan Hai Karm Hi Pooja,
Aur Na Koi Duja Re,
Chal-Kapat Sab Janm Ke Bairi,
Inko Kyo Nahi Bujha Re.


ज्ञान जो बांटे निःस्वार्थ भाव से,
वही गुरु कहलाते हैं,
ज्ञान जो बेंचे धन के बदले,
वो व्यापारी कहाते है।

ज्ञान जो बांटे निःस्वार्थ भाव से, वही गुरु कहलाते हैं, ज्ञान जो बेंचे धन के बदले, वो व्यापारी कहाते है।


Gyan Jo Bante Nihswarth Bahv Se,
Wahi Guru Kahlate Hai,
Gyan Jo Benche Dhan Ke Badle,
Wo Vyapari Kahate Hai.

 

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