100+ मुहावरे इन हिंदी लिस्ट। Muhavare in Hindi

हेलो दोस्तों, हमारे ब्लॉक में आपका स्वागत है, आज हम आपको हमारे इस ब्लॉग में 100+ मुहावरे इन हिंदी लिस्ट। Muhavare in Hindi के साथ साथ मुहावरे की परिभाषा, लोकोक्ति का अर्थ, मुहावरे तथा लोकोक्ति में अंतर के बारे में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है।Muhavare in Hindi

मुहावरे की परिभाषा । Muhavare ki Paribhasha

मुहावरा – ‘मुहावरा’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘अभ्यास’ या ‘बातचीत’। भाषा में यह ‘शाब्दिक अर्थ से भिन्न अर्थ’ में प्रचलित होता है।

बातचीत में मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। ये बहुधा व्यंग्यार्थ में प्रयुक्त होते हैं।

मुहावरा एक वाक्यांश है, जिसके पूर्ण अर्थ का बोध वाक्य पूरा होने पर ही होता है। लोकोक्ति अपने आप में एक पूर्ण वाक्य है, जो एक कहावत के रूप में प्रयुक्त होती है।

ऐसे वाक्यांश जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं, मुहावरा कहलाता है।

मुहावरों के प्रयोग से भाषा को प्रभावशाली, मनमोहक तथा प्रवाहमयी बनाने में सहायता मिलती है। मुहावरों का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में होता है, अलग से नहीं।


लोकोक्ति का अर्थ । Lokokti in Hindi

लोकोक्ति – ‘लोकोक्ति’ शब्द, दो शब्दों से बना है – लोक + उक्ति; अर्थात किसी क्षेत्र विशेष में कही हुई बात।

लोकोक्तियाँ भूतकाल के लोक-अनुभवों का परिणाम होती हैं तथा वाक्य के रूप में प्रयोग होती हैं।

मुहावरे तथा लोकोक्ति में अंतर । Muhavare aur Lokoktiyan mein antar

  1. मुहावरा वाक्य-खंड होता है, जबकि लोकोक्ति पूर्ण वाक्य होती है।
  2. मुहावरे वाक्य के बीच में प्रयोग किए जाते हैं; अतः वाक्य का अंग बन जाते हैं। लोकोक्ति वाक्य का अंग नहीं होती, उसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से वाक्य के अंत में उदाहरणस्वरूप किया जाता है।
  3. पूर्ण इकाई होने के कारण लोकोक्ति के स्वरूप में परिवर्तन नहीं किया जा सकता, जबकि मुहावरे के शब्द वाक्य के अनुसार परिवर्तनशील होते हैं।
महत्त्व – भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है। कभी-कभी तो मात्र लोकोक्ति अथवा मुहावरे के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य सिद्ध हो जाता है। इनके प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है।

100+ मुहावरे इन हिंदी लिस्ट। Muhavare in Hindi

1. कान भरना झूठी शिकायत करना।

राम खिलावन की पत्नी सदा अपनी सास के विरुद्ध उसके कान भरती रहती है।

2. कान खड़े होना – सावधान हो जाना।

आधी रात को छत पर आहट सुनकर मेरे कान खड़े हो गए।

3. कलेजा छलनी होना कड़ी बात से मन दुखना।

अपनी सौतेली माता के व्यंग्य-बाणों से दीपक का कलेजा छलनी हो गया।

4. एक और एक ग्यारह होना मिलकर शक्ति बढ़ाना।

उन्हें कमजोर मत समझो, आवश्यकता पड़ने पर वे एक और एक ग्यारह हो जाते हैं।

5. आसमान से बातें करना – बहुत बढ़-चढ़कर बोलना।

यद्यपि अशोक एक साधारण लिपिक का पुत्र है, किंतु अपने साथियों में बैठकर वह आसमान से बातें करता है।

6. ऊँट के मुँह में जीरा- बहुत कम मात्रा में कोई वस्तु देना ।

सलीम प्रतिदिन दस रोटियाँ खाता है। उसे दो रोटियाँ देना तो ऊँट के मुँह जीरे के समान हैं।

7. कलेजा थामना – दुःख सहने के लिए हृदय को कड़ा करना।

परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर मोहन अपना कलेजा थामकर रह गया।

8. कलेजा धक-धक करना – भयभीत होना।

घने जंगल में घूमते समय हम सभी के कलेजे धक-धक कर रहे थे।

9. कलेजे पर पत्थर रखना – धैर्य धारण करना।

भाई की मृत्यु का दुःख उसने कलेजे पर पत्थर रखकर सहन किया।

10. काठ का उल्लू होना – मूर्ख होना।

उससे बात करना बिलकुल व्यर्थ है, क्योंकि वह तो निरा काठ का उल्लू है।

11. काला अक्षर भैंस बराबर – बिलकुल अनपढ़।

संगीत के विषय में मेरी स्थिति तो काला अक्षर भैंस बराबर है।

12. खरी-खोटी सुनाना – फटकारना।

अध्यापक द्वारा खरी-खोटी सुनाने पर भी निर्लज्ज छात्र पर कोई प्रभाव न पड़ा।


13. गाल बजाना – डींग मारना ।

केवल गाल बजाने से सफलता नहीं मिल सकती, इसके लिए परिश्रम भी परमावश्यक है।

14. घर की खेती – सहज में मिलने वाला पदार्थ।

बाल काट देने पर इतना क्यों रोते हो ? यह तो घर की खेती है। कुछ दिनों में फिर बढ़ जाएँगे।

15. पापड़ बेलना – कष्ट झेलना।

राम को नौकरी प्राप्त करने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े।

16. लाल-पीला होना – क्रोधित होना।

नौकर से दूध बिखर जाने पर उसकी मालकिन खूब लाल-पीली हुई ।

17. मुँह में पानी भर आना – जी ललचाना।

मिठाइयों का नाम सुनते ही उसके मुँह में पानी भर आया।

18. बगुला भगत होना – साधु के वेश में ठग; पाखंडी।

आजकल अनेक लोग गेरुए वस्त्र धारण करके बगुला भगत बने बैठे हैं।

19. अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे पृथक कार्य करना।

कुछ लोग मिलकर कार्य करने के स्थान पर अपनी खिचड़ी अलग पकाना पसंद करते हैं।

20. अपना घर समझना – संकोच न करना।

मोहन अपने मित्र के घर को अपना घर समझता है, इसलिए वहाँ वह अपनी सब परेशानियाँ कह देता है।

21. अँगूठा दिखाना – साफ मना करना।

अमित ने रोहित से जब पुस्तक माँगी तो रोहित ने अँगूठा दिखा दिया।

22. अधे की लकड़ी – एकमात्र सहारा।

पीयूष अपने माता-पिता की एकमात्र संतान है। वह उनके लिए अंधे की लकड़ी है।

23. आँख का तारा होना – बहुत प्यारा होना।

श्रीकृष्ण माता यशोदा की आँखों के तारे थे।

24. अपने मुँह मिया मिट्ठू बनना – अपनी प्रशंसा स्वयं करना।

अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने वाले का सम्मान धीरे-धीरे कम हो जाता है।

25. अक्ल का अंधा- मूर्ख।

रोहित तो अक्ल का अंधा है, उसे कितना ही समझाओ, मानता ही नहीं।

26. अपना उल्लू सीधा करना -अपना काम निकालना।

कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए दूसरों को हानि पहुँचाने से भी नहीं चूकते।

27. आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक परिश्रम करना।

परीक्षा के समय छात्र आकाश-पाताल एक कर परीक्षा की तैयारी करते हैं।

28. आकाश के तारे तोड़ना-बहुत कठिन काम करना।

परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करना आकाश के तारे तोड़ना है।

29. ईमान बेचना – विश्वास खो देना ।

ईमान बेचकर धन कमाना मनुष्य को शोभा नहीं देता।

30. उँगली पर नचाना—संकेत पर कार्य कराना।

मोहन अपने कार्यालय में सबको उँगली पर नचाता है।

31. ईंट से ईंट बजाना – विध्वंस कर डालना।

श्रीराम ने लंका की ईंट से ईंट बजाकर ही चैन लिया।

32. एक आँख से देखना- समान व्यवहार करना।

साधु पुरुष संसार में सभी को एक आँख से देखते हैं।

33. कलई खुलना– रहस्य का पता चल जाना।

चोरी करते पकड़े जाने पर साधु की कलई खुल गई।


20+ लोकोक्तियाँ इन हिंदी । Lokokti in Hindi

1. छोटा मुँह बड़ी बात (अपनी योग्यता से बढ़कर बात करना)

अखिल प्रधानाचार्य जी के सामने बड़ी-बड़ी बातें करता है। उसे छोटा मुँह बड़ी बात नहीं करनी चाहिए।

2. खोदा पहाड़ निकली चुहिया (अधिक मेहनत, कम लाभ)

रामभरोसे ने सारा दिन काम किया और मिले कुल पाँच रुपए। इसे कहते हैं – खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

3. दूर के ढोल सुहावने (दूर की चीजें अच्छी लगती हैं)

गाँवों की प्रशंसा सुनकर रोहित एक माह के लिए गाँव गया, परंतु वहाँ के बुरे वातावरण के कारण जल्दी ही लौट आया। सच ही कहा गया है – दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

4. सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना (काम शुरू करते ही बाधा)

हरीश बाबू ने अपनी दुकान का जैसे ही श्रीगणेश किया, त्यों ही शहर में हड़ताल हो गई। इसी को कहते हैं सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना।

5. बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद (मूर्खो को गुणों की पहचान नहीं होती)

दुर्जन व्यक्ति को कितनी ही ज्ञान की बातें समझा लो, परंतु वह नहीं समझता क्योंकि बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।

6. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का (दो तरफ ध्यान रखने वाला व्यक्ति कहीं का नहीं रहता)

गोपाल ने नौकरी के लिए पढ़ाई भी छोड़ दी और अब नौकरी भी नहीं करता। यही तो होता है धोबी का कुत्ता घर का न घाट का।

7. अधजल गगरी छलकत जाय (ओछा मनुष्य अधिक इतराता है)

रवि यद्यपि दसवीं पास है परंतु डींग मारता है किसी बी० ए० पास की तरह। इसे कहते हैं अधजल गगरी छलकत जाय।

8. आम के आम गुठली के दाम (दोहरा लाभ)

अच्छे लड़के उत्तीर्ण होने पर अपनी पुस्तकें भी बेच देते हैं। इसे कहते हैं आम के आम गुठली के दाम।

9. अक्ल बड़ी या भैंस (शरीर की अपेक्षा बुद्धि बड़ी होती है)

रामू मोटा-तगड़ा लड़का है परंतु पढ़ने में कमजोर है। इसीलिए गुरुजी प्राय: कहते हैं अक्ल बड़ी या भैंस।

10. अंत भले का भला (अच्छाई के बदले अच्छाई मिलती है)

रामकिशोर जी सच्चे आदमी हैं यह सब मानते हैं, परंतु उन पर गलत आरोप लगा। जाँच हुई और वे निर्दोष साबित हुए। इसे कहते हैं – अंत भले का भला।

11. आँख का अंधा नाम नैन सुख (गुणों के विरुद्ध नाम होना)

इस छात्र का नाम तो है होशियार सिंह, परंतु पढ़ने में कमजोर है। इसीलिए कहा गया है आँख का अंधा नाम नैन सुख।

12. एक पंथ दो काज (एक साधन से दो काम होना)

पिताजी प्राय: रोज दूध लेने जाते हैं, जिससे उन्हें प्रातःकालीन भ्रमण का लाभ भी होता है। इसे कहते हैं – एक पंथ दो काज।

13. कंगाली में आटा गीला (मुसीबत में और मुसीबत आना)

गोपाल के पास कपड़े नहीं थे। स्कूल से वर्दी मिली परंतु खेलने में वह भी फट गई। वास्तव में कंगाली में आटा गीला होता है।

दोस्तों, आज हमने आपको 100+ मुहावरे इन हिंदी लिस्ट। Muhavare in Hindi के साथ साथ मुहावरे की परिभाषा, लोकोक्ति का अर्थ, मुहावरे तथा लोकोक्ति में अंतर के बारे मे बताया, आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा। तो दोस्तों मुझे अपनी राय कमेंट करके बताया ताकि मुझे और अच्छे आर्टिकल लिखने का अवसर प्राप्त ह। धन्यवाद्
 
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