हेल्लो मेरे प्रिय साथियों मै आज आप सभी के लिए Love shayari का कुछ नया संग्राह लेकर आया हु ।आप सभी को पता है की हम अपनी बाते शायरी के साथ करना चाहते है । हम अपनी दिल की बात जब करना चाहते है तो कह नहीं पाते इसलिए हम अपनी बात को Shayri के माध्यम से उनके तक पहुंचने की कोशिश करते है। तो चलिए अपनी दिल की बात शायरी के साथ करते है।
उसके चेहरे में वो मासूमियत थी कि,
उसे देखा तो इश्क कर बैठा मै
मै जानता था इश्क बहुत बुरी चीज है,,
फिर भी तुमसे इश्क कर बैठा मै।।
Ushke chhehre me wo masumiyat thi ki,,
Use dekha to ishak kar bhaitha mai
Mai janta tha ishak bahut buri chiz hai..
Fhir bhi tumse ishak kar baitha mai
मुझे नहीं घूमना 4 लड़कियों के साथ गाड़ी में
मेरा मन नहीं भरता ,,
जबउसे देख लू मै साड़ी में
खो दिया आप को तो हम पूछते फिरते हैं,
जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है..!!
Kho diya aap ko to hum puchte firte hai,
Jis ki takdir bigad jay wo karta kya hai..!!
खो दिया आप को तो हम पूछते फिरते हैं, जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है..!!
खुशनुमा सा मौसम था…
और वक्त भी उस समय जरा सा ठहरा था,⏱
हमने अपने सपनों को इसलिए छोड़ दिया
क्योंकि तेरा सपना ही अब मेरा सपना था।
Khunuma sa mausam tha
Or waqt bhi ush samay jara sa thahra tha
Humne apne sapno ki ishliye chhod diya
Kyoki tera sapna hi ab mera sapna tha
मेरी हर तलाश
पूरी कर जाते हो तुम
सोते वक़्त जब ख्वाब
में आ जाते हो तुम।
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
Dil ek hai to kai baar kyu lagaya jaye…
Bas ek ishak hi kafi hai agar nibhaya jaye
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये, बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
पता नहीं क्या बात है तुझमें,
जो हर पल तुम्हे ही सोच कर मेरा मन नहीं भरता।
Pata nhi kya bat he tujme
Jo har pal tumhe hi soch kar mera man nahi bharta
न जाने कौन सी बात है उस जाने पहचाने से अजनबी मे,
मेरे लाख न चाहते हुए भी ..
मेरी तन्हाई मे भी , मेरे मुस्कुराने की बजह बन जाती है।
सुबह उठते ही जिसे देखने का मन करे
मेरी येशी मोहबत हो तुम….
Subha uthte hi jise dekhne ko man kre,,
Meri asi mohbbat ho tum..
तुम ज़रा हाथ मेरा थाम के देखो तो सही,
लोग जल जाएँगे महिफ़ल में चिरागों की तरह।
तुम ज़रा हाथ मेरा थाम के देखो तो सही, लोग जल जाएँगे महिफ़ल में चिरागों की तरह।
वाह तेरी ये खिलखिलाती हंसी,
और ये कातिलाना अदा,
अब तुम ही बताओ मुझे,
तुझको छोड़ कर किसपे हो जाऊं फिदा।
गले की चैन भले ही थोड़ी पतली दे पाऊ,
पर दिल के चैन पर कोई शिकायत नहीं होगी।
ये ज़रूरी नहीं है की हर बात पर तुम मेरा कहा मानो,
दहलीज पर रख दी है चाहत और अब आगे तुम जानो।
ना भूख है ना प्यास है बस,
जुस्तजू है तुम्हारी,
तुम चाहो या ना चाहो,
तुम्हें चाहना फितरत है हमारी।
Na bhukh na pyas hai..
Justujoo hai tumhari
Tum chaho ya na chhaho??
Tumhe chahna fitrat hai hamari
ज़रा ना दिखूँ मैं और तुम बेचैन होजाओ,
कुछ ऐसे इश्क़ की तलाश में हु मैं।
ज़रा ना दिखूँ मैं और तुम बेचैन होजाओ, कुछ ऐसे इश्क़ की तलाश में हु मैं।
अगर तेरे बदले में मुझे कोई पुरा
जहान भी डे तो वो सब ठुकरा दू..
Agar tere badle me muje koi pura
Jahan bhi de to me wo sab thukra du..
शोर न कर धड़कन, ज़रा थम जा कुछ पल के लिए,
बड़ी “मुश्किल” से उनकी” आँखों” में मेरा खवाब आया है!!
कुछ ज्यादा नही जानता मोहब्बत के बारे मे,
बस तुम्हे देख कर मेरी तलाश खत्म हो गई।
मैं अगर बेजुबां हो जाऊं
तुम मेरी जुबां बन जाना
मैं अगर रास्ता भटक जाऊं
तुम मेरी दिशा बन जाना…
मैं अगर बेजुबां हो जाऊं तुम मेरी जुबां बन जाना मैं अगर रास्ता भटक जाऊं तुम मेरी दिशा बन जाना...
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,
तेरे सामने आने से ज्यादा,
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है!!!
वो अक्सर मुझसे पूछा करती थी,
तुम मुझे कभी छोड़ कर तो नहीं जाओगे,
काश मैंने भी पूछ लिया होता।
हमें अपने इश्क के बारिश में भिगोके कहते हैं,
जाना बारिश में मत भीगना बीमार पड़ जाओगे।
क़ाश एक शायरी कभी
तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो,
जो मेरी हो,मुझ पर हो.
और बस मेरे लिए हो।
Kash ek shayari kabhi,,
Tumhari kalam se yeshi bhi ho,
Jo meri ho, mujh par ho..
Or bas mere liye ho….
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै ,
मुहब्बत करोगी तो ,तुम्हारा ही हिस्सा हु मै।
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै,
मुहब्बत करोगी तो ,तुम्हारा ही हिस्सा हु मै।
सूखे होंठों ही से होती हैं मीठी बातें,
प्यास बुझ जाए तो फ़िर लहजे बदल जाते हैं।
बस तुम थामे रहना हांथ उम्र भर,
वादा है, नहीं पूंछेंगे कहां जाना है।
अरसा हुआ तेरे आगोश में आये हुये,
तेरी खुशबू मग़र अब भी लिपटी हुयी है मुझसे……!!
उसके चेहरे में वो मासूमियत थी कि,
उसे देखा तो इश्क कर बैठा मै
मै जानता था इश्क बहुत बुरी चीज है,,
फिर भी तुमसे इश्क कर बैठा मै।।
Ushke chhehre me wo masumiyat thi ki,,
Use dekha to ishak kar bhaitha mai
Mai janta tha ishak bahut buri chiz hai..
Fhir bhi tumse ishak kar baitha mai
मुझे नहीं घूमना 4 लड़कियों के साथ गाड़ी में
मेरा मन नहीं भरता ,,
जबउसे देख लू मै साड़ी में
खो दिया आप को तो हम पूछते फिरते हैं,
जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है..!!
Kho diya aap ko to hum puchte firte hai,
Jis ki takdir bigad jay wo karta kya hai..!!
खो दिया आप को तो हम पूछते फिरते हैं, जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है..!!
खुशनुमा सा मौसम था…
और वक्त भी उस समय जरा सा ठहरा था,⏱
हमने अपने सपनों को इसलिए छोड़ दिया
क्योंकि तेरा सपना ही अब मेरा सपना था।
Khunuma sa mausam tha
Or waqt bhi ush samay jara sa thahra tha
Humne apne sapno ki ishliye chhod diya
Kyoki tera sapna hi ab mera sapna tha
मेरी हर तलाश
पूरी कर जाते हो तुम
सोते वक़्त जब ख्वाब
में आ जाते हो तुम।
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
Dil ek hai to kai baar kyu lagaya jaye…
Bas ek ishak hi kafi hai agar nibhaya jaye
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये, बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
पता नहीं क्या बात है तुझमें,
जो हर पल तुम्हे ही सोच कर मेरा मन नहीं भरता।
Pata nhi kya bat he tujme
Jo har pal tumhe hi soch kar mera man nahi bharta
न जाने कौन सी बात है उस जाने पहचाने से अजनबी मे,
मेरे लाख न चाहते हुए भी ..
मेरी तन्हाई मे भी , मेरे मुस्कुराने की बजह बन जाती है।
सुबह उठते ही जिसे देखने का मन करे
मेरी येशी मोहबत हो तुम….
Subha uthte hi jise dekhne ko man kre,,
Meri asi mohbbat ho tum..
तुम ज़रा हाथ मेरा थाम के देखो तो सही,
लोग जल जाएँगे महिफ़ल में चिरागों की तरह।
तुम ज़रा हाथ मेरा थाम के देखो तो सही, लोग जल जाएँगे महिफ़ल में चिरागों की तरह।
वाह तेरी ये खिलखिलाती हंसी,
और ये कातिलाना अदा,
अब तुम ही बताओ मुझे,
तुझको छोड़ कर किसपे हो जाऊं फिदा।
गले की चैन भले ही थोड़ी पतली दे पाऊ,
पर दिल के चैन पर कोई शिकायत नहीं होगी।
ये ज़रूरी नहीं है की हर बात पर तुम मेरा कहा मानो,
दहलीज पर रख दी है चाहत और अब आगे तुम जानो।
ना भूख है ना प्यास है बस,
जुस्तजू है तुम्हारी,
तुम चाहो या ना चाहो,
तुम्हें चाहना फितरत है हमारी।
Na bhukh na pyas hai..
Justujoo hai tumhari
Tum chaho ya na chhaho??
Tumhe chahna fitrat hai hamari
ज़रा ना दिखूँ मैं और तुम बेचैन होजाओ,
कुछ ऐसे इश्क़ की तलाश में हु मैं।
ज़रा ना दिखूँ मैं और तुम बेचैन होजाओ, कुछ ऐसे इश्क़ की तलाश में हु मैं।
अगर तेरे बदले में मुझे कोई पुरा
जहान भी डे तो वो सब ठुकरा दू..
Agar tere badle me muje koi pura
Jahan bhi de to me wo sab thukra du..
शोर न कर धड़कन, ज़रा थम जा कुछ पल के लिए,
बड़ी “मुश्किल” से उनकी” आँखों” में मेरा खवाब आया है!!
कुछ ज्यादा नही जानता मोहब्बत के बारे मे,
बस तुम्हे देख कर मेरी तलाश खत्म हो गई।
मैं अगर बेजुबां हो जाऊं
तुम मेरी जुबां बन जाना
मैं अगर रास्ता भटक जाऊं
तुम मेरी दिशा बन जाना…
मैं अगर बेजुबां हो जाऊं तुम मेरी जुबां बन जाना मैं अगर रास्ता भटक जाऊं तुम मेरी दिशा बन जाना...
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,
तेरे सामने आने से ज्यादा,
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है!!!
वो अक्सर मुझसे पूछा करती थी,
तुम मुझे कभी छोड़ कर तो नहीं जाओगे,
काश मैंने भी पूछ लिया होता।
हमें अपने इश्क के बारिश में भिगोके कहते हैं,
जाना बारिश में मत भीगना बीमार पड़ जाओगे।
क़ाश एक शायरी कभी
तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो,
जो मेरी हो,मुझ पर हो.
और बस मेरे लिए हो।
Kash ek shayari kabhi,,
Tumhari kalam se yeshi bhi ho,
Jo meri ho, mujh par ho..
Or bas mere liye ho….
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै ,
मुहब्बत करोगी तो ,तुम्हारा ही हिस्सा हु मै।
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै,
मुहब्बत करोगी तो ,तुम्हारा ही हिस्सा हु मै।
सूखे होंठों ही से होती हैं मीठी बातें,
प्यास बुझ जाए तो फ़िर लहजे बदल जाते हैं।
बस तुम थामे रहना हांथ उम्र भर,
वादा है, नहीं पूंछेंगे कहां जाना है।
अरसा हुआ तेरे आगोश में आये हुये,
तेरी खुशबू मग़र अब भी लिपटी हुयी है मुझसे……!!
मॉडरेटर द्वारा पिछला संपादन: