जब आ ही गए हो तो 
बैठो थोड़ा फुरसत से।
जब नैन मिल ही गए हैं तो
इन्हें बातचीत ही करलेने दो तस्सली से।
जो भी करो सिद्दत से करो,
इश्क राधा सा, इंतजार मीरा सा।।।
कुछ तो बात है मोहब्बत में
वरना एक लाश के लिये
कोई ताजमहल
नही बनवाता।
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,
तेरे सामने आने से ज्यादा,
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है!!!
मैं अगर बेजुबां हो जाऊं
तुम मेरी जुबां बन जाना
मैं अगर रास्ता भटक जाऊं
तुम मेरी दिशा बन जाना…
क़ाश एक
शायरी कभी?
तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो
जो मेरी हो
मुझ पर हो
और बस मेरे लिए हो।

वो घड़ी भी क्या घड़ी थी
जब वो मुझसे पहली दफा मिली थी
छू ना सकूं आसमान तो चलेगा,
पर तुम्हारे दिल को छू जाऊं
बस इतनी सी तमन्ना है।
कुछ तुम्हारी बाहोंमे बीत गई
कुछ तुम्हारी यादों में बीत गईं
तुम में ही सिमटी थी जिंदगी मेरी
तुम में ही बीत गई।

जिसका मेहबूब ही इतना नशीला हो
उसे मयखाने चक्कर लगाने की क्या जरूरत?
जब इश्क़ का खुमार इस कदर चढ़ा हो
इस नशे के आगे मय की क्या औकात?
इश्क़ इबादत तब बनता हैं,
जब वो हमारे नही हैं जानते हुए भी
हम उनसे मुहोब्बत बेहिसाब करते हैं।

दर-ब-दर भटक रहा हूँ मैं फकीर बनकर,
वाकई तेरी मुहोब्बत ने मुझे मालामाल कर दिया ।
लबों पर जिक्र भी आपही का हैं,
इनको तलब भी आपहि के लबों की हैं।

सबने मशहूर किया मुझको मोहब्बत है तुमसे
मुझको अच्छे लगे इल्ज़ाम लगाने वाले.

उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए
सड़को
पे हाथ पकड़कर मोहब्बत नहीं होती.!
ना ख्वाइश ए मंजिल..
ना इश्क़ ए मिसाल है तू…
मुझमे ही उलझा..
मेरा ही एक सवाल हैँ तू…
ना राहत ए मर्ज..
ना दर्द ए इलाज है तू…
फिर क्यों मेरी जिंदगी की..
रुह ए तलाश है तू….
आप अपनी जुल्फें यू हमारे सामने सवारों नही,
हम तो आपकी आंखों
से ही घायल हो गए है,
अब यूं बे मौत मारो नही
तुम्हारा ख्याल मेरे मन से जाये भी तो जाये कैसे
कि तुम मेरे ख्याल के।।
ख़्यालों मे भी शामिल हो…!!
कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना,
यूँ बात बढ़ा कर क्या करना,
तुम मेरे थे तुम मेरे हो
दुनिया को बता कर क्या करना।
तुम साथ निभाओ चाहत से,
कोई रस्म निभा कर क्या करना,
तुम खफ़ा भी अच्छे लगते हो,
फिर तुमको मना कर क्या करना..
जब प्यार किसी से होता है
हर दर्द दवा बन जाता है
क्या चीज मोहबब्त होती है,
एक शक्स खुदा बन जाता है।।
जब खामोश
आँखों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
न जाने कब दिन और कब रात होती है।
सुनना है सुनाना है..
रूठना है मनाना है,
हँसाना है रुलाना है,
इस ज़िंदगी का हर लम्हा..
बस तुम्हारे साथ हीं बिताना है!!
वजह नफरतों की तलाशी जाती है….
मोहब्बत तो खामोशी से हो जाती है

फूलों
सा खूबसूरत
चेहरा हैं आपका,
हर दिल दिवाना है आपका,
लोग कहते है चाँद
का टुकडा है आप
लेकिन हम कहते है चाँद टुकडा है आपका…
हसरतो ने फिर से करवट बदली है,
आप आये तो बलखा के बहारें आईं।
पैर में लगे कांटे ने बताया कि,
इस गली में ज़रूर कोई गुलाब है..!!!

प्यार की कली सब के लिए खिलती नहीं,
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से मिलता है,
और हर किसी को ऐसी किस्मत मिलती नहीं।
जब तुमने कहा की प्यार हो गया तुमसे…
यकिन मानो खुदसे मोहब्बत हो गई हमें l

बिना मांगे मुझे सब कुछ मिल जाए,
कोई ऐसा जादू कर दो,
मैं खुश हो जाऊंगा उस दिन
बस मुझे प्यार से एक बार जानू कह दो!!
किस्मत से लिखी कोई बात हो तुम
तक़दीर से मिली सौगात हो तुम,
तुमसे मिलकर महसूस हुआ की
बरसो से मेरे साथ हो तुम!
हम लिखते हैं और तुम पढ़ते हो,
ऊफ़्फ़ क्या ग़ज़ब अनकही सी मोहब्बत करते हो..!!
जितनी खूबसूरत ये सुबह है
उतना ही खूबसूरत आपका हर पल हो,
जितनी भी खुशियाँ आज आपके पास हैं,
उससे भी ज्यादा खूबसूरत आने वाले कल हो.
मुस्कुराना कोन सी बड़ी बात है
बस तुम्हे याद ही तो करना है।।

तुम आऐ तो मेरे ” इश्क में ,
अब बरकत” होने लगी है•••
चुपचाप ” रहता था दिल मेरा ,
अब ” हरकत ” होने लगी है•••
तुम बस मेरा एहसास हो
बुझती ज़िंदगी की साँस हो
दूर रह कर भी पास हो
और सबसे ज्यादाँ खाँस हो
तुम एक हसीन गुलाब हो
मेरे हर सवाल का जवाब हो
और मेरा अधूरा ख़्वाब हो
तुम मेरी पनाहों में रहो
ख़ुशबू बन के हवाओ में रहो
मेरी सारी दुवाओ में रहो
ता-उम्र मेरी बाँहों में रहो…!!!
“बादल बरसे तो तन हल्का होए
नैन बरसे तो मन हल्का होए
बरसे अग़र प्रेम की बरसा,
तन-मन दोउ हल्का होए… “
ना कभी बदले ये लम्हा.
ना बदले ये ख्वाइश हमारी.
हम दोनों ऐसे ही रहे एक दूसरे के.
जैसे तुम चाहत और मैं जिंदगी तुम्हारी.।।
मैं शायर हूं मोहब्बत का,
इश्क़ से नज्म सजाता हूं…
कभी पढ़ता हूं महोब्बत को,
कभी मोहब्बत लिख जाता हूं..!!!

यूँ तेरा मुस्कुरा कर मुझे देखना
मानो जैसे सब कुछ कुबूल है तुझे.
मैने कहा वो अजनबी है,
दिल ने कहा ये दिल की लगी है,
मैंने कहा वो तो बस एक सपना है,
दिल ने कहा फिर भी वो अपना है।।।
जो दिल के खाश होते है !!
वो हर लम्हा आस पास होते है !!!

मेरा दिल ढूंढता है तुम्हे।
मेरी धड़कन का मसला हो तुम।

ये मंजिल ये रास्ते,
मेरी हर दुआ तेरे वास्ते,
ये सुकून भी ये करार भी,
मेरे नाम तेरे वास्ते,
कोई गम ना तेरे करीब हो,
तुझे हर खुशी नसीब हो,
मेरे इल्तज़ा तेरे वास्ते,
मेरी हर दुआ तेरे वास्ते।।
पल्लू को सरकने का बहाना चाहिए
नजरों को मिलने का निशाना चाहिए
इश्क मुकम्मल है इन चंद मुलाकातों में,
अगर इश्क जहर है तो दिल लगाना चाहिए

मैं जेठ का कड़वा धूप
तुम नीम की ठंडी छांव प्रिये !
मैं अमावस्या का काला बादल
तुम पूर्णिमा की चमकती चांद प्रिये !

आ भी जाओ सनम बेचैन है मन
समेट लो अपनी बाँहों में मेरा तन।।
हर मंदिर
मस्जिद में तुझे अपने लिए मांगा है,
हमने इससे ज्यदा कभी कुछ नहीं मांगा है..
जब भी देखता हूं तेरी तस्वीर
मैं खुद पर काबू नहीं कर पाता हूं..
तुम तो कर देती हो आंखों से इशारे,
मैं दिल की बात नहीं बोल पाता हूं…।।
रूठो को अब मनाया कैसे जाए,
ये तरकीब हमे भी बतलाया तो जाए,
मैने उनसे इश्क किया है,
लेकिन उनको बतलाया कैसे जाए।।।
प्यार से चाहे सारे अरमान माँग लो,
रूठकर चाहे मेरी मुस्कान माँग लो,
तमन्ना ये है कि न देना कभी धोखा,
फिर हँसकर चाहे मेरी जान माँग लो…!”
बस यही ख्वाहिश थी हमेशा
की मुझे इतना तो जाने तू
जो अगर रूठ जाऊं कभी
तो मना कर ही माने तू!!
इजाजत हो सनम की
तो इतनी सी शरारत कर लूं।
आज मैं तुमसे थोड़ी सी मोहब्बत कर लूँ।

सच है ख्वाहिशों की कोई हद नहीं होती,
मेरी ही ख्वाहिशों को देखो,
तुम और बस तुम।
तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई…
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई …
बहुत खूबसूरत है आखै तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी

हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी

शिकवा करने गए थे और,
इबादत सी हो गयी।
तुझे भूलने की जिद्द थी,
मगर तेरी आदत सी हो गयी।
दीदार तो तेरी मर्जी से होगा दुआ से नही…
थम जाए जो हिचकियां पानी से ऐसी मेरी हिचकियां नही…
कुछ लम्हे फ़ुरसत के कुछ पल सुहाने
कुछ चाय की गरमा हट कुछ ख़याल तुम्हारे ।
इश्क का हर पन्ना तुम्हें बारीकी से समझायेंगे
आओ कभी हमारे शहर
तुम्हें अपने हाथो से चाय पिलाएंगे….

कब आ रहे हो मुलाकात के लिये,
हमने चाँद रोका है एक रात के लिए…..
एक आदत सी लगी है मुझे
तूझे हर पल याद करने की…i
कुछ लोग मुझसे पूछते हैं
कहां रहते हो दिन भर…
मैंने भी बता दिया कि मुझे ललिता ने
दिल में रहने की जगह दे दी है।

बैठो थोड़ा फुरसत से।

जब नैन मिल ही गए हैं तो

इन्हें बातचीत ही करलेने दो तस्सली से।

जो भी करो सिद्दत से करो,

इश्क राधा सा, इंतजार मीरा सा।।।

कुछ तो बात है मोहब्बत में

वरना एक लाश के लिये

कोई ताजमहल


ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,

तेरे सामने आने से ज्यादा,
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है!!!

मैं अगर बेजुबां हो जाऊं

तुम मेरी जुबां बन जाना

मैं अगर रास्ता भटक जाऊं

तुम मेरी दिशा बन जाना…

क़ाश एक

तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो

जो मेरी हो


और बस मेरे लिए हो।


वो घड़ी भी क्या घड़ी थी

जब वो मुझसे पहली दफा मिली थी

छू ना सकूं आसमान तो चलेगा,

पर तुम्हारे दिल को छू जाऊं

बस इतनी सी तमन्ना है।

कुछ तुम्हारी बाहोंमे बीत गई

कुछ तुम्हारी यादों में बीत गईं

तुम में ही सिमटी थी जिंदगी मेरी

तुम में ही बीत गई।


जिसका मेहबूब ही इतना नशीला हो

उसे मयखाने चक्कर लगाने की क्या जरूरत?
जब इश्क़ का खुमार इस कदर चढ़ा हो

इस नशे के आगे मय की क्या औकात?

इश्क़ इबादत तब बनता हैं,

जब वो हमारे नही हैं जानते हुए भी

हम उनसे मुहोब्बत बेहिसाब करते हैं।


दर-ब-दर भटक रहा हूँ मैं फकीर बनकर,
वाकई तेरी मुहोब्बत ने मुझे मालामाल कर दिया ।
लबों पर जिक्र भी आपही का हैं,

इनको तलब भी आपहि के लबों की हैं।


सबने मशहूर किया मुझको मोहब्बत है तुमसे

मुझको अच्छे लगे इल्ज़ाम लगाने वाले.


उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए

सड़को

ना ख्वाइश ए मंजिल..
ना इश्क़ ए मिसाल है तू…

मुझमे ही उलझा..
मेरा ही एक सवाल हैँ तू…

ना राहत ए मर्ज..
ना दर्द ए इलाज है तू…

फिर क्यों मेरी जिंदगी की..
रुह ए तलाश है तू….

आप अपनी जुल्फें यू हमारे सामने सवारों नही,

हम तो आपकी आंखों

अब यूं बे मौत मारो नही

तुम्हारा ख्याल मेरे मन से जाये भी तो जाये कैसे

कि तुम मेरे ख्याल के।।


कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना,
यूँ बात बढ़ा कर क्या करना,
तुम मेरे थे तुम मेरे हो

दुनिया को बता कर क्या करना।

तुम साथ निभाओ चाहत से,
कोई रस्म निभा कर क्या करना,
तुम खफ़ा भी अच्छे लगते हो,
फिर तुमको मना कर क्या करना..
जब प्यार किसी से होता है

हर दर्द दवा बन जाता है

क्या चीज मोहबब्त होती है,

एक शक्स खुदा बन जाता है।।

जब खामोश

तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है

तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,

न जाने कब दिन और कब रात होती है।

सुनना है सुनाना है..
रूठना है मनाना है,
हँसाना है रुलाना है,
इस ज़िंदगी का हर लम्हा..
बस तुम्हारे साथ हीं बिताना है!!

वजह नफरतों की तलाशी जाती है….
मोहब्बत तो खामोशी से हो जाती है


फूलों


हर दिल दिवाना है आपका,

लोग कहते है चाँद


लेकिन हम कहते है चाँद टुकडा है आपका…

हसरतो ने फिर से करवट बदली है,

आप आये तो बलखा के बहारें आईं।
पैर में लगे कांटे ने बताया कि,
इस गली में ज़रूर कोई गुलाब है..!!!


प्यार की कली सब के लिए खिलती नहीं,

चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से मिलता है,

और हर किसी को ऐसी किस्मत मिलती नहीं।
जब तुमने कहा की प्यार हो गया तुमसे…

यकिन मानो खुदसे मोहब्बत हो गई हमें l


बिना मांगे मुझे सब कुछ मिल जाए,

कोई ऐसा जादू कर दो,
मैं खुश हो जाऊंगा उस दिन

बस मुझे प्यार से एक बार जानू कह दो!!

किस्मत से लिखी कोई बात हो तुम

तक़दीर से मिली सौगात हो तुम,
तुमसे मिलकर महसूस हुआ की

बरसो से मेरे साथ हो तुम!

हम लिखते हैं और तुम पढ़ते हो,

ऊफ़्फ़ क्या ग़ज़ब अनकही सी मोहब्बत करते हो..!!
जितनी खूबसूरत ये सुबह है

उतना ही खूबसूरत आपका हर पल हो,
जितनी भी खुशियाँ आज आपके पास हैं,
उससे भी ज्यादा खूबसूरत आने वाले कल हो.

मुस्कुराना कोन सी बड़ी बात है

बस तुम्हे याद ही तो करना है।।


तुम आऐ तो मेरे ” इश्क में ,

अब बरकत” होने लगी है•••
चुपचाप ” रहता था दिल मेरा ,

अब ” हरकत ” होने लगी है•••

तुम बस मेरा एहसास हो

बुझती ज़िंदगी की साँस हो

दूर रह कर भी पास हो
और सबसे ज्यादाँ खाँस हो
तुम एक हसीन गुलाब हो
मेरे हर सवाल का जवाब हो
और मेरा अधूरा ख़्वाब हो
तुम मेरी पनाहों में रहो
ख़ुशबू बन के हवाओ में रहो
मेरी सारी दुवाओ में रहो
ता-उम्र मेरी बाँहों में रहो…!!!
“बादल बरसे तो तन हल्का होए

नैन बरसे तो मन हल्का होए

बरसे अग़र प्रेम की बरसा,

तन-मन दोउ हल्का होए… “

ना कभी बदले ये लम्हा.

ना बदले ये ख्वाइश हमारी.


जैसे तुम चाहत और मैं जिंदगी तुम्हारी.।।

मैं शायर हूं मोहब्बत का,

इश्क़ से नज्म सजाता हूं…

कभी पढ़ता हूं महोब्बत को,

कभी मोहब्बत लिख जाता हूं..!!!


यूँ तेरा मुस्कुरा कर मुझे देखना

मानो जैसे सब कुछ कुबूल है तुझे.

मैने कहा वो अजनबी है,

दिल ने कहा ये दिल की लगी है,

मैंने कहा वो तो बस एक सपना है,

दिल ने कहा फिर भी वो अपना है।।।

जो दिल के खाश होते है !!

वो हर लम्हा आस पास होते है !!!


मेरा दिल ढूंढता है तुम्हे।

मेरी धड़कन का मसला हो तुम।


ये मंजिल ये रास्ते,
मेरी हर दुआ तेरे वास्ते,
ये सुकून भी ये करार भी,
मेरे नाम तेरे वास्ते,
कोई गम ना तेरे करीब हो,
तुझे हर खुशी नसीब हो,
मेरे इल्तज़ा तेरे वास्ते,
मेरी हर दुआ तेरे वास्ते।।
पल्लू को सरकने का बहाना चाहिए

नजरों को मिलने का निशाना चाहिए

इश्क मुकम्मल है इन चंद मुलाकातों में,
अगर इश्क जहर है तो दिल लगाना चाहिए


मैं जेठ का कड़वा धूप

तुम नीम की ठंडी छांव प्रिये !

मैं अमावस्या का काला बादल

तुम पूर्णिमा की चमकती चांद प्रिये !


आ भी जाओ सनम बेचैन है मन

समेट लो अपनी बाँहों में मेरा तन।।

हर मंदिर

हमने इससे ज्यदा कभी कुछ नहीं मांगा है..
जब भी देखता हूं तेरी तस्वीर

मैं खुद पर काबू नहीं कर पाता हूं..

तुम तो कर देती हो आंखों से इशारे,

मैं दिल की बात नहीं बोल पाता हूं…।।

रूठो को अब मनाया कैसे जाए,

ये तरकीब हमे भी बतलाया तो जाए,

मैने उनसे इश्क किया है,

लेकिन उनको बतलाया कैसे जाए।।।

प्यार से चाहे सारे अरमान माँग लो,
रूठकर चाहे मेरी मुस्कान माँग लो,
तमन्ना ये है कि न देना कभी धोखा,
फिर हँसकर चाहे मेरी जान माँग लो…!”
बस यही ख्वाहिश थी हमेशा

की मुझे इतना तो जाने तू

जो अगर रूठ जाऊं कभी

तो मना कर ही माने तू!!

इजाजत हो सनम की

तो इतनी सी शरारत कर लूं।

आज मैं तुमसे थोड़ी सी मोहब्बत कर लूँ।


सच है ख्वाहिशों की कोई हद नहीं होती,
मेरी ही ख्वाहिशों को देखो,
तुम और बस तुम।
तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई

यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई…

था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार

अचानक वो मेरे करीब आ गई …

बहुत खूबसूरत है आखै तुम्हारी

इन्हें बना दो किस्मत हमारी


हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी


शिकवा करने गए थे और,
इबादत सी हो गयी।
तुझे भूलने की जिद्द थी,
मगर तेरी आदत सी हो गयी।

दीदार तो तेरी मर्जी से होगा दुआ से नही…

थम जाए जो हिचकियां पानी से ऐसी मेरी हिचकियां नही…
कुछ लम्हे फ़ुरसत के कुछ पल सुहाने

कुछ चाय की गरमा हट कुछ ख़याल तुम्हारे ।

इश्क का हर पन्ना तुम्हें बारीकी से समझायेंगे

आओ कभी हमारे शहर
तुम्हें अपने हाथो से चाय पिलाएंगे….


कब आ रहे हो मुलाकात के लिये,

हमने चाँद रोका है एक रात के लिए…..

एक आदत सी लगी है मुझे

तूझे हर पल याद करने की…i

कुछ लोग मुझसे पूछते हैं

कहां रहते हो दिन भर…

मैंने भी बता दिया कि मुझे ललिता ने

दिल में रहने की जगह दे दी है।

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