जब जरूरत थी तो साथ थे,
अन्धेरे क्या आय हमारी जिन्दगी में.
साये तक छोड़ के चले गए….
कुछ लोग अजीब अजीब लिखकर कमाल करते हैं,
अपनी महफिलों में नाम हमारा लेकर बवाल करते हैं..
और उन लोगों को लगता है की हम समझ नहीं पाते,
देखो तो वो शायर से शायरी में सवाल करते हैं ।
जिंदगी नाम है जुदाई का,
आप आए तो याद आया …
तराशिये खुद को कुछ इस कदर..
कि पाने वाले को नाज़ हो,
और खोने वाला अफसोस में रहे…!!!
ना छेड़ किस्सा ऐ उल्फत का,
बड़ी लम्बी कहानी है,
में गैरों से नही हारा,
किसी अपने की मेहरबानी है..!
जिंदगी को खबर तक नहीं,
सफर ने क्या क्या chhina है हमसे।
वो उसी सीने पर सर पटक कर रोएगी मियां,
जिस सीने से लग कर कहती थी यहां सुकून बहुत है।
मरेंगे एक रोज किसी बहाने से ,
लोग परिचित होंगे इस अनजाने से,
अभी जो लोग रूठ रहे है मुझे से,
घर में आएंगे मेरे जान जाने से।
ऐसा लगता है हर इम्तिहां के लिए
ज़िन्दगी को हमारा पता याद है…!!
आई है सुबह वो रोशनी लेके,
जैसे नए जोश की नयी किरण चमके,
विश्वास की बाती सदा जला के रखना,
देगी अंधेरों में रास्ता आपको दीया बनके !!
जब से लापरवाह हुआ हूँ,
सूकून सा है जिंदगी में !!
देखलो मैं क्या कमाल कर गया ,
जिंदा भी हूं और इंतकाल कर गया।।
मैं टूट जाऊं तो मुझे गले लगाए …
कोई तो हो जो मुझे अपना बताए
मौत ने आकर बचाया है जिदंगी से मुझे,
मेरी कब्र के पत्थर पर सक्रिय लिखना।।
खुली किताब कोई और होगा जनाब,
हम तो पूरे के पूरे दबे हुए इतिहास है।
हमारी चाहतो के सिलसिले
यूँ ही खामोशी से चलते जाएंगे
न तुम पास आ सकोगे
और न ही हम दूर जा पाएंगे!!
आज इस क़दर उदास हूं कि,
अंग्रेज़ी में रोने को दिल कर रहा है.!!
हर कोई खफा है मुझसे मगर कोई मेरी खता नही बताता.
मुझे देखकर रास्ते लोग बदलते है ,
मगर कोई वजह नही बताता…
अब तो अपनी भी साँसे मुझे बोझ लगती है…
अब तो कोई मुझकों ही मेरे घर का पता नही बताता…
कितने हंसते हो तुम,
कभी खुश भी रह लिया करो।।
जी भर कर चाहने वालों का,
जी भर गया हमसे।
जिंदगी है तो उलझनें रहेंगी,
मुर्दे ही हैं, जिन्हें उलझनें नहीं होती।।
अपनी तो जिंदगी ही अजीब कहानी है,
जिस चीज़ को चाहा वो बेगानी है,
हस्ते है तो सिर्फ दुनिया के लिए,
वरना इन आंखों में सिर्फ पानी ही पानी है।।
वक्त भी कैसी पहेली दे गया,
उलझने सौ, जिन्दगी अकेली दे गया।
अन्धेरे क्या आय हमारी जिन्दगी में.
साये तक छोड़ के चले गए….
कुछ लोग अजीब अजीब लिखकर कमाल करते हैं,
अपनी महफिलों में नाम हमारा लेकर बवाल करते हैं..
और उन लोगों को लगता है की हम समझ नहीं पाते,
देखो तो वो शायर से शायरी में सवाल करते हैं ।
जिंदगी नाम है जुदाई का,
आप आए तो याद आया …
तराशिये खुद को कुछ इस कदर..
कि पाने वाले को नाज़ हो,
और खोने वाला अफसोस में रहे…!!!
ना छेड़ किस्सा ऐ उल्फत का,
बड़ी लम्बी कहानी है,
में गैरों से नही हारा,
किसी अपने की मेहरबानी है..!
जिंदगी को खबर तक नहीं,
सफर ने क्या क्या chhina है हमसे।
वो उसी सीने पर सर पटक कर रोएगी मियां,
जिस सीने से लग कर कहती थी यहां सुकून बहुत है।
मरेंगे एक रोज किसी बहाने से ,
लोग परिचित होंगे इस अनजाने से,
अभी जो लोग रूठ रहे है मुझे से,
घर में आएंगे मेरे जान जाने से।
ऐसा लगता है हर इम्तिहां के लिए
ज़िन्दगी को हमारा पता याद है…!!
आई है सुबह वो रोशनी लेके,
जैसे नए जोश की नयी किरण चमके,
विश्वास की बाती सदा जला के रखना,
देगी अंधेरों में रास्ता आपको दीया बनके !!
जब से लापरवाह हुआ हूँ,
सूकून सा है जिंदगी में !!
देखलो मैं क्या कमाल कर गया ,
जिंदा भी हूं और इंतकाल कर गया।।
मैं टूट जाऊं तो मुझे गले लगाए …
कोई तो हो जो मुझे अपना बताए
मौत ने आकर बचाया है जिदंगी से मुझे,
मेरी कब्र के पत्थर पर सक्रिय लिखना।।
खुली किताब कोई और होगा जनाब,
हम तो पूरे के पूरे दबे हुए इतिहास है।
हमारी चाहतो के सिलसिले
यूँ ही खामोशी से चलते जाएंगे
न तुम पास आ सकोगे
और न ही हम दूर जा पाएंगे!!
आज इस क़दर उदास हूं कि,
अंग्रेज़ी में रोने को दिल कर रहा है.!!
हर कोई खफा है मुझसे मगर कोई मेरी खता नही बताता.
मुझे देखकर रास्ते लोग बदलते है ,
मगर कोई वजह नही बताता…
अब तो अपनी भी साँसे मुझे बोझ लगती है…
अब तो कोई मुझकों ही मेरे घर का पता नही बताता…
कितने हंसते हो तुम,
कभी खुश भी रह लिया करो।।
जी भर कर चाहने वालों का,
जी भर गया हमसे।
जिंदगी है तो उलझनें रहेंगी,
मुर्दे ही हैं, जिन्हें उलझनें नहीं होती।।
अपनी तो जिंदगी ही अजीब कहानी है,
जिस चीज़ को चाहा वो बेगानी है,
हस्ते है तो सिर्फ दुनिया के लिए,
वरना इन आंखों में सिर्फ पानी ही पानी है।।
वक्त भी कैसी पहेली दे गया,
उलझने सौ, जिन्दगी अकेली दे गया।