इश्क हुआ है हमसे तो ,
हमसे मुलाकात कीजिए ,
आप वफा की उम्मीद रखते है ,
पहले खुद तो वफा कीजिए…
कैसे बरदास करू मैं ये गम बेवाफाई का,
हर कोई नाम ले रहा है जाने क्यों उस हरजाई का।।
वो मुझसे बिछड़ना चाहती थी
मैंने कहा दुआ कर मेरी मौत की।
अब उसे क़िस्मत ना कहें तो क्या कहें..?
जिसनें बिना तड़पे तुझे पाया होगा….!!
हर कोई पूछता है करते क्या हैं आप ?
जैसे मोहब्बत कोई काम ही नहीं है
नाराज तो हम खुद से है,
आपसे तो आज भी इश्क है।
किसीने हस कर पूछा कभी इश्क हुआ था,
मैने गमगीन आंखे ऊपर किया और बोला आज भी है।
तेरी रहो में बिछा कर आंखे,
देख ये प्रदीप नीद का घर उजाड़ बैठा है।।।
क्यों क्या हुआ ?
अभी से तेरी आंख से निकल आए आंसू
अभी तो मैने सुनाया ही नहीं,
दास्तान ये गम जुदाई।।
तबाह हूँ तेरे प्यार मे,
तुझे दूसरों का ख्याल है..
कुछ मेरे मसले पर भी गौर कर,
यहाँ तो जिन्दगी का सवाल है…!!
जाते जाते एक और एहसान कर दो,
गला दबाकर मेरे जिस्म से रूह को आजाद कर दो..
तेरा दिल उदास क्यों है?
तेरी आँखों में प्यास क्यों है?
जो छोड़ गया तुझे मझधार में ,
उससे मिलने की आस क्यों है ?
जो दे गई दर्द ज़िन्दगी भर का,
वही तेरे लिए ख़ास क्यों है ??
उसकी दर्द भरी आँखों ने ,
जिस जगह कहा था अलविदा,
आज भी वही खड़ा है दिल ,
उसके आने के इंतज़ार में.
हमसे मुलाकात कीजिए ,
आप वफा की उम्मीद रखते है ,
पहले खुद तो वफा कीजिए…
कैसे बरदास करू मैं ये गम बेवाफाई का,
हर कोई नाम ले रहा है जाने क्यों उस हरजाई का।।
वो मुझसे बिछड़ना चाहती थी
मैंने कहा दुआ कर मेरी मौत की।
अब उसे क़िस्मत ना कहें तो क्या कहें..?
जिसनें बिना तड़पे तुझे पाया होगा….!!
हर कोई पूछता है करते क्या हैं आप ?
जैसे मोहब्बत कोई काम ही नहीं है
नाराज तो हम खुद से है,
आपसे तो आज भी इश्क है।
किसीने हस कर पूछा कभी इश्क हुआ था,
मैने गमगीन आंखे ऊपर किया और बोला आज भी है।
तेरी रहो में बिछा कर आंखे,
देख ये प्रदीप नीद का घर उजाड़ बैठा है।।।
क्यों क्या हुआ ?
अभी से तेरी आंख से निकल आए आंसू
अभी तो मैने सुनाया ही नहीं,
दास्तान ये गम जुदाई।।
तबाह हूँ तेरे प्यार मे,
तुझे दूसरों का ख्याल है..
कुछ मेरे मसले पर भी गौर कर,
यहाँ तो जिन्दगी का सवाल है…!!
जाते जाते एक और एहसान कर दो,
गला दबाकर मेरे जिस्म से रूह को आजाद कर दो..
तेरा दिल उदास क्यों है?
तेरी आँखों में प्यास क्यों है?
जो छोड़ गया तुझे मझधार में ,
उससे मिलने की आस क्यों है ?
जो दे गई दर्द ज़िन्दगी भर का,
वही तेरे लिए ख़ास क्यों है ??
उसकी दर्द भरी आँखों ने ,
जिस जगह कहा था अलविदा,
आज भी वही खड़ा है दिल ,
उसके आने के इंतज़ार में.